दिल्ली विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के फाइनल ईयर के लगभग चार लाख छात्रों को एक के बाद एक मुश्किलों का सामना कर पड़ रहा है. फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर उनका भविष्य अधर में लटका दिख रहा है. 10 जुलाई से विश्वविद्यालय UG और PG के आख़िरी साल के बच्चों की ऑनलाइन परीक्षा कराने जा रहा है. दिक्कत इस बात से भी है कि इसके पहले छात्र मॉक टेस्ट का हाल देख चुके हैं.
इसके पहले 4 जून से विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन Mock परीक्षा कराना शुरू किया था, जिसमें लगातार यूनिवर्सिटी की वेबसाइट क्रैश हो रही है. अर्थशास्त्र के बच्चों को हिंदी का प्रश्नपत्र मिले हैं तो हिंदी के बच्चों किसी और विषय के. ऐसे में इस मुसीबत के बीच 10 जुलाई से शुरू हो रही ऑनलाइन परीक्षा बच्चों के लिए चिंता का सबब है.
जब ऑनलाइन मॉक टेस्ट में ही इस तरह की गड़बड़ियां देखी जा रही हैं, तो आखिरी साल की परीक्षा में कितनी गड़बड़ियां हो सकती हैं और इसका इतना बड़ा असर होगा, ये सोचने वाली बात है. बता दें कि यूजी और पीजी के आखिरी साल के कम से कम चार लाख बच्चों की परीक्षा होनी है.
ऐसे में छात्रों की मांग है कि बच्चों को बिना परीक्षा के प्रमोट किया जाए. कोरोनावायरस के चलते इस बार स्कूलों से लेकर बहुत सारे कॉलेज में यह समाधान अपनाया गया है. ऐसे में DU में इसकी मांग उठ रही है.
बता दें कि 2 जुलाई को यूनिवर्सिटी ने ओपन बुक एग्जामिनेशन के लिए नई डेटशीट जारी की थी, स्टूडेंट्स और शिक्षक इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. लेकिन तमाम विरोध के बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी ने फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स के लिए ओपन बुक एग्जामिनेशन आयोजित कराने का फैसला किया है. अंडरग्रेजुएट कोर्स के साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम के ज्यादातर एग्जाम 10 जुलाई से शुरू होकर 20 जुलाई तक पूरे हो जाएंगे.
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