प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
बाजार में एनसीईआरटी की पुस्तकों की कमी और स्कूलों से निजी प्रकाशन की महंगी पुस्तकें खरीदने को विवश अभिभावकों की समस्याओं की खबरों पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि एनसीईआरटी पुस्तकों के परीक्षा की तैयार का आधार होने को देखते हुए काफी संख्या में पुस्तकें सुझाना और उन्हें खरीदने का दबाव डालना ‘अस्वस्थकर चलन’ और शैक्षणिक दृष्टि से सही नहीं है ।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एक अधिकारी ने से कहा कि बोर्ड के कई निर्देशों के बावजूद ऐसा देखा गया है कि सीबीएसई से संबद्ध कई स्कूल छात्रों एवं अभिभावकों को एनसीईआरटी या बोर्ड की पुस्तकों से इतर अन्य पुस्तकें खरीदने का दबाव डालते हैं । बोर्ड को प्राप्त शिकायतों से भी यह बात स्पष्ट होती है। ऐसे में बोर्ड ने एक बार फिर से स्कूलों को परामर्श जारी किया है।
सीबीएसई के परिपत्र में कहा गया है कि बोर्ड इस बात पर जोर देती है कि काफी किताबें सुझाना और बच्चों एवं अभिभावकों को एनसीईआरटी से इतर पुस्तकें खरीदने के लिए दबाव डालना ‘अस्वस्थ्यकर चलन’ और शैक्षणिक दृष्टि से सही नहीं है।
इसमें कहा गया है कि विशेषतौर पर एनसीईआरटी की पाठ्यसामग्री बोर्ड की टेस्ट परीक्षा की तैयारी का आधार है । सीबीएसई की परीक्षा और परीक्षा पत्र विषयों के नियत पाठ्यक्रम के अनुरूप होते हैं। जारी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एक अधिकारी ने से कहा कि बोर्ड के कई निर्देशों के बावजूद ऐसा देखा गया है कि सीबीएसई से संबद्ध कई स्कूल छात्रों एवं अभिभावकों को एनसीईआरटी या बोर्ड की पुस्तकों से इतर अन्य पुस्तकें खरीदने का दबाव डालते हैं । बोर्ड को प्राप्त शिकायतों से भी यह बात स्पष्ट होती है। ऐसे में बोर्ड ने एक बार फिर से स्कूलों को परामर्श जारी किया है।
सीबीएसई के परिपत्र में कहा गया है कि बोर्ड इस बात पर जोर देती है कि काफी किताबें सुझाना और बच्चों एवं अभिभावकों को एनसीईआरटी से इतर पुस्तकें खरीदने के लिए दबाव डालना ‘अस्वस्थ्यकर चलन’ और शैक्षणिक दृष्टि से सही नहीं है।
इसमें कहा गया है कि विशेषतौर पर एनसीईआरटी की पाठ्यसामग्री बोर्ड की टेस्ट परीक्षा की तैयारी का आधार है । सीबीएसई की परीक्षा और परीक्षा पत्र विषयों के नियत पाठ्यक्रम के अनुरूप होते हैं। जारी
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