विज्ञापन
This Article is From Apr 10, 2016

DU ने CBCS के तहत सापेक्षिक ग्रेडिंग पैटर्न में सुधार का फैसला किया

DU ने CBCS के तहत सापेक्षिक ग्रेडिंग पैटर्न में सुधार का फैसला किया
नई दिल्ली: विकल्प आधारित क्रेडिट योजना (सीबीसीएस) लागू होने के एक साल बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसके तहत ग्रेडिंग पैटर्न में सुधार का फैसला किया है। सापेक्षिक अंकन से प्रभावित होने के कारण छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बाद इसका फैसला किया गया है। आंदोलनकारी छात्रों के अनुसार, नयी अंकन प्रणाली में अलग अलग विषयों में प्रदर्शनों को शामिल नही किया जाता है और वर्ग में औसत अंक के आधार पर ग्रेड तय किए जाते हैं जिसके कारण बड़े पैमाने पर छात्रों को असफलता का सामना करना पड़ता है।

पहले सेमेस्टर के परिणाम आने के बाद पाया गया कि स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रमों में लागू की गयी सापेक्षिक ग्रेडिंग प्रणाली के तहत ओ :आउटस्टैंडिंग: ग्रेड लाने के लिए छात्रों को कुछ विषयों में शत प्रतिशत से भी ज्यादा अंक लाने होंगे। परीक्षकों को अब यूजीसी संशोधित सूत्र के अनुसार कुल अंकों को ग्रेडों में बदलना होगा। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद सदस्यों ने भी आपत्ति जतायी है। उनका कहना है कि परिणाम घोषित होने के पहले ग्रेडिंग प्रणाली को न तो संवैधानिक निकायों के समक्ष रखा गया था और न ही इसे कॉलेजों को अधिसूचित किया गया था।

विभिन्न संगठनों की ओर से इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय ने सीबीसीएस समिति को ग्रेडिंग प्रणाली की समीक्षा करने और अपनी अनुशंसाएं दाखिल करने को कहा था। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सीबीसीएस के तहत परीक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों को देखने के लिए कुलपति ने एक समिति गठित की थी जिसने एक बैठक कर ग्रेड की गणना में कुछ परिवर्तनों की सलाह दी है।’

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com