नयी दिल्ली:
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) पहली बार कश्मीरी विस्थापितों के लिए एक अलग कट ऑफ जारी करेगा। विश्वविद्यालय में कश्मीरी विस्थापितों के लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त कोटा है।
साथ ही पहली बार दिल्ली के बाहर के और जम्मू के कश्मीरी छात्र भी कोटा के हकदार होंगे।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अब तक विश्वविद्यालय सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी सहित पांच श्रेणियों के लिए कट ऑफ जारी करता था। लेकिन इस साल से कश्मीरी विस्थापितों के लिए भी अलग कट ऑफ जारी की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के बाहर के और जम्मू के कश्मीरी भी पांच प्रतिशत अतिरिक्त कोटे के तहत दाखिले के हकदार होंगे।’’
कश्मीरी विस्थापितों की श्रेणी के तहत उम्मीदवारों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की आखिरी कट ऑफ सूची में अधिकतम दस प्रतिशत की राहत भी दी जाएगी। इनमें वे पाठ्यक्रम शामिल नहीं हैं, जिनमें दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा जरूरी होती है।
उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे और उन्हें नियमित दस्तावेजों के अलावा आवेदन के साथ कश्मीरी विस्थापित का अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र, कश्मीर में संपत्ति का प्रमाण और दिल्ली में वर्तमान घर का प्रमाण देना होगा।
इस कोटे के तहत दाखिला सामान्य दाखिला प्रक्रिया के साथ नहीं होता क्योंकि यह कोटा विश्वविद्यालय के दूसरे आरक्षित श्रेणियों से अधिक होता है।
विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों की 60,000 से अधिक सीटों के लिए दाखिला 1 जून से शुरू हो गया है। डीयू ने पहली बार पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। पंजीकरण 19 जून तक जारी रहेगा और पहली कट ऑफ सूची 27 जून को जारी की जाएगी।
साथ ही पहली बार दिल्ली के बाहर के और जम्मू के कश्मीरी छात्र भी कोटा के हकदार होंगे।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘अब तक विश्वविद्यालय सामान्य, ओबीसी, एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी सहित पांच श्रेणियों के लिए कट ऑफ जारी करता था। लेकिन इस साल से कश्मीरी विस्थापितों के लिए भी अलग कट ऑफ जारी की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के बाहर के और जम्मू के कश्मीरी भी पांच प्रतिशत अतिरिक्त कोटे के तहत दाखिले के हकदार होंगे।’’
कश्मीरी विस्थापितों की श्रेणी के तहत उम्मीदवारों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की आखिरी कट ऑफ सूची में अधिकतम दस प्रतिशत की राहत भी दी जाएगी। इनमें वे पाठ्यक्रम शामिल नहीं हैं, जिनमें दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा जरूरी होती है।
उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे और उन्हें नियमित दस्तावेजों के अलावा आवेदन के साथ कश्मीरी विस्थापित का अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र, कश्मीर में संपत्ति का प्रमाण और दिल्ली में वर्तमान घर का प्रमाण देना होगा।
इस कोटे के तहत दाखिला सामान्य दाखिला प्रक्रिया के साथ नहीं होता क्योंकि यह कोटा विश्वविद्यालय के दूसरे आरक्षित श्रेणियों से अधिक होता है।
विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों की 60,000 से अधिक सीटों के लिए दाखिला 1 जून से शुरू हो गया है। डीयू ने पहली बार पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है। पंजीकरण 19 जून तक जारी रहेगा और पहली कट ऑफ सूची 27 जून को जारी की जाएगी।
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