नयी दिल्ली:
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के एक स्टूडेंट को अमेरिका के कैब एग्रिगेटर उबर से सालाना 1,10,000 डालर (करीब 71 लाख रुपये) का पैकेज मिला है. दिल्ली पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज का विद्यार्थी रह चुका सिद्धार्थ डीटीयू में कंप्यूटर साइंस फाइनल ईयर का विद्यार्थी है.
डीटीयू कैंपस में अभी तक इंटरनेशनल प्लेसमेंट की सबसे बड़ी पेशकश सालाना 1.25 करोड़ रुपये की रही है. 2015 बैच के चेतन कक्कड़ को गूगल द्वारा यह पेशकश की गई थी.
सिद्धार्थ ने बताया, ‘‘मैं अपनी स्टार्ट-अप योजना शुरू करने से पहले उबर में मेरा प्रौद्योगिकी कौशल बढ़ाने की संभावना तलाश रहा हूं.’’
सिद्धार्थ ने बताया कि उबर टेक्नोलॉजी कंपनी ने एक लाख दस हजार यूएस डॉलर (73 लाख रुपये लगभग) का मूल वेतन और वर्ष में लगभग इतना ही स्टॉक और शेयर और अतिरिक्त लाभांश देने की बात कही है. यह कुल मिलाकर लगभग सवा करोड़ होगा.
बता दें कि 2015 में डीटीयू के ही छात्र चेतन कक्कड़ को गूगल ने सवा करोड़ रुपये का पैकेज दिया था. सिद्धार्थ डीटीयू से बीटेक कंप्यूटर साइंस फाइनल सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं. इस नौकरी को सिद्धार्थ अक्टूबर महीने में सेंट फ्रांसिस्को में ज्वाइन करेंगे. सिद्धार्थ ने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले साल इस कंपनी में इंटर्नशिप की थी.
22 वर्षीय सिद्धार्थ के पिता बतौर कंसल्टेंट कार्य करते हैं जबकि उनकी मां एक फ्रीलांसर के रूप में स्पीचेज़ को ट्रांसक्रिप्ट करने का कार्य करती है. (इनपुट एजेंसी से)
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डीटीयू कैंपस में अभी तक इंटरनेशनल प्लेसमेंट की सबसे बड़ी पेशकश सालाना 1.25 करोड़ रुपये की रही है. 2015 बैच के चेतन कक्कड़ को गूगल द्वारा यह पेशकश की गई थी.
सिद्धार्थ ने बताया, ‘‘मैं अपनी स्टार्ट-अप योजना शुरू करने से पहले उबर में मेरा प्रौद्योगिकी कौशल बढ़ाने की संभावना तलाश रहा हूं.’’
सिद्धार्थ ने बताया कि उबर टेक्नोलॉजी कंपनी ने एक लाख दस हजार यूएस डॉलर (73 लाख रुपये लगभग) का मूल वेतन और वर्ष में लगभग इतना ही स्टॉक और शेयर और अतिरिक्त लाभांश देने की बात कही है. यह कुल मिलाकर लगभग सवा करोड़ होगा.
बता दें कि 2015 में डीटीयू के ही छात्र चेतन कक्कड़ को गूगल ने सवा करोड़ रुपये का पैकेज दिया था. सिद्धार्थ डीटीयू से बीटेक कंप्यूटर साइंस फाइनल सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे हैं. इस नौकरी को सिद्धार्थ अक्टूबर महीने में सेंट फ्रांसिस्को में ज्वाइन करेंगे. सिद्धार्थ ने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले साल इस कंपनी में इंटर्नशिप की थी.
22 वर्षीय सिद्धार्थ के पिता बतौर कंसल्टेंट कार्य करते हैं जबकि उनकी मां एक फ्रीलांसर के रूप में स्पीचेज़ को ट्रांसक्रिप्ट करने का कार्य करती है. (इनपुट एजेंसी से)
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