नर्सरी में दाखिले की दौड़ शुरू (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय राजधानी के 1800 से ज्यादा निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में शुक्रवार से नर्सरी में दाखिले की शुरुआत हो गई है। इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के तहत होने वाले दाखिलों को लेकर माता-पिता काफी भ्रमित दिखे।
ईडब्ल्यूएस के तहत दाखिला प्रक्रिया पहली बार ऑनलाइन बनाई गई है।
सुबह के वक्त कुछ तकनीकी गड़बड़ियां देखी गईं जिसे दिन में ठीक कर दिया गया। प्रक्रिया शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद ईडब्ल्यूएस ऑनलाइन नर्सरी दाखिले की वेबपेज खुलने की गति काफी मंद पड़ गई। मॉडल टाउन के क्वींस मेरी स्कूल की वेबसाइट ‘‘हैक’’ होने की भी खबर आई।
दिल्ली स्कूल शिक्षा कानून और नियम, 1973 के तहत मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए ईडब्ल्यूएस के तहत दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन बनाने और शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के तहत मान्यता प्राप्त स्कूलों में ऑफलाइन दाखिला प्रक्रिया जारी रखने के सरकार के कदम से माता-पिता काफी भ्रमित थे। वे यह समझ नहीं पा रहे थे कि कौन सा स्कूल किस श्रेणी के तहत आता है।
ईवीएस श्रेणी के लोग परेशान
ईवीएस और वंचित समूह (डीजी) श्रेणी के तहत दाखिले की कोशिश कर रहे माता-पिता को कंप्यूटर के इस्तेमाल को लेकर भी कई दिक्कतें आ रही थीं ।
मॉडल टाउन में चाय की दुकान चलाने वाले मुन्ना राजभाई ने कहा, ‘‘यदि एक ऑफलाइन फॉर्म होता तो मैंने इसे भरने में किसी की मदद ली होती। लेकिन अब मुझे ऐसे शख्स को तलाशना है जो कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करना जानता हो और मेरी तरफ से यह काम कर सके। इसके बाद के सारे काम भी ऑनलाइन होंगे जिसका मतलब है कि मुझे किसी पर निर्भर ही रहना पड़ेगा।’’ मायापुरी में काम करने वाली आशा देवी ने कहा, ‘‘मैं एक साइबर कैफे गई और वहां के मालिक को कहा कि मेरा काम कर दे। उसने इसके लिए मुझसे 100 रुपये लिए। मुझे राहत है कि मेरा काम हो गया।’’
ईडब्ल्यूएस के तहत दाखिला प्रक्रिया पहली बार ऑनलाइन बनाई गई है।
सुबह के वक्त कुछ तकनीकी गड़बड़ियां देखी गईं जिसे दिन में ठीक कर दिया गया। प्रक्रिया शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद ईडब्ल्यूएस ऑनलाइन नर्सरी दाखिले की वेबपेज खुलने की गति काफी मंद पड़ गई। मॉडल टाउन के क्वींस मेरी स्कूल की वेबसाइट ‘‘हैक’’ होने की भी खबर आई।
दिल्ली स्कूल शिक्षा कानून और नियम, 1973 के तहत मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए ईडब्ल्यूएस के तहत दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन बनाने और शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के तहत मान्यता प्राप्त स्कूलों में ऑफलाइन दाखिला प्रक्रिया जारी रखने के सरकार के कदम से माता-पिता काफी भ्रमित थे। वे यह समझ नहीं पा रहे थे कि कौन सा स्कूल किस श्रेणी के तहत आता है।
ईवीएस श्रेणी के लोग परेशान
ईवीएस और वंचित समूह (डीजी) श्रेणी के तहत दाखिले की कोशिश कर रहे माता-पिता को कंप्यूटर के इस्तेमाल को लेकर भी कई दिक्कतें आ रही थीं ।
मॉडल टाउन में चाय की दुकान चलाने वाले मुन्ना राजभाई ने कहा, ‘‘यदि एक ऑफलाइन फॉर्म होता तो मैंने इसे भरने में किसी की मदद ली होती। लेकिन अब मुझे ऐसे शख्स को तलाशना है जो कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करना जानता हो और मेरी तरफ से यह काम कर सके। इसके बाद के सारे काम भी ऑनलाइन होंगे जिसका मतलब है कि मुझे किसी पर निर्भर ही रहना पड़ेगा।’’ मायापुरी में काम करने वाली आशा देवी ने कहा, ‘‘मैं एक साइबर कैफे गई और वहां के मालिक को कहा कि मेरा काम कर दे। उसने इसके लिए मुझसे 100 रुपये लिए। मुझे राहत है कि मेरा काम हो गया।’’
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