
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जल्द ही दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड होगा लेकिन वह सीबीएसई का स्थान नहीं लेगा, बल्कि यह अगली पीढ़ी का बोर्ड होगा जो जेईई और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों में छात्रों की मदद करेगा. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार बोर्ड को ऐसे रूप में देखती है जो वर्तमान हालात का निदान होगा. वर्तमान में छात्र स्कूलों की मदद से बोर्ड परीक्षाओं की तैयार करते हैं ,लेकिन उन्हें इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग सेन्टरों का सहारा लेना पड़ता है.
सिसोदिया ने कहा,‘‘यह विडंबना है कि लेकिन मैं इसे वरदान के रूप में देखता हूं कि दिल्ली में कोई शिक्षा बोर्ड नहीं है. हम दिल्ली को अपना शिक्षा बोर्ड देने की तैयारी कर रहे हैं.'' उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘हमने 2015 में इसके बारे में सोचना शुरू किया और उस पर काम करना भी शुरू कर दिया. लेकिन जब हमने इमारतों की हालत देखी और कक्षाओं में शिक्षण के माहौल को महसूस किया तो हमें लगा कि नया बोर्ड बनाने के बजाए पहले ढांचागत सुधार करने की जरूरत है.''
उन्होंने कहा कि दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड बनाने का वक्त आ गया है. सिसोदिया ने कहा,‘‘सरकार इस पर काम कर रही है. यह सीबीएसई का स्थान नहीं लेगा बल्कि नयी पीढ़ी का बोर्ड होगा.'' यह बोर्ड और इसका पाठ्यक्रम कैसा होगा इसके बारे में उन्होंने कहा कि अलग-अलग विषयों पर अलग-अलग ग्रेड देने की योजना है.
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