नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां शुक्रवार को कहा कि 180 दिनों में विद्यार्थियों को डिग्री देना जरूरी होगा। एक हजार ऐसे केंद्र बनेंगे, जहां से विद्यार्थी 500 रुपये में सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। यूथ इन एक्शन द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 'राष्ट्रीय और भारतीय शिक्षा पद्धति' विषय पर आयोजित व्याख्यान में स्मृति ईरानी ने कहा कि शीघ्र ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय 'स्वयम' नाम से एक एप लॉन्च करेगा।
इसके जरिए देश के सभी आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केंद्रीय विद्यालय, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सों की डिग्री और प्रमाणपत्र मुफ्त मिल सकेंगे। उन्होंने ने कहा, 180 दिनों में विद्यार्थियों को डिग्री देना जरूरी होगा। हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जिसके तहत एक हजार ऐसे केंद्र बनेंगे, जहां से विद्यार्थी 500 रुपये में सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे।
ईरानी ने कहा कि जुलाई से 1000 स्नातक तथा परास्नातक कोर्सेज के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रमाणित अध्ययन सामग्री मुफ्त में मिलेगी। उन्होंने कहा कि डीम्ड विश्वविद्यालयों को अपने हर कैम्पस में हेल्थ केयर के लिए जगह देना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिसके तहत काउंसिलिंग के समय संस्थान पूरी फीस नहीं वसूल कर सकेंगे और एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संस्थान पूरी फीस वसूल कर सकेंगे।
डिग्री और पाठ्यक्रमों के बदलाव को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि विचार किया जा रहा है कि सभी संस्थाओं के लिए हर तीन साल में पाठ्यक्रमों को संशोधित करना अनिवार्य किया जाए।
इसके जरिए देश के सभी आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केंद्रीय विद्यालय, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्सों की डिग्री और प्रमाणपत्र मुफ्त मिल सकेंगे। उन्होंने ने कहा, 180 दिनों में विद्यार्थियों को डिग्री देना जरूरी होगा। हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जिसके तहत एक हजार ऐसे केंद्र बनेंगे, जहां से विद्यार्थी 500 रुपये में सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे।
ईरानी ने कहा कि जुलाई से 1000 स्नातक तथा परास्नातक कोर्सेज के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रमाणित अध्ययन सामग्री मुफ्त में मिलेगी। उन्होंने कहा कि डीम्ड विश्वविद्यालयों को अपने हर कैम्पस में हेल्थ केयर के लिए जगह देना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिसके तहत काउंसिलिंग के समय संस्थान पूरी फीस नहीं वसूल कर सकेंगे और एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही संस्थान पूरी फीस वसूल कर सकेंगे।
डिग्री और पाठ्यक्रमों के बदलाव को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि विचार किया जा रहा है कि सभी संस्थाओं के लिए हर तीन साल में पाठ्यक्रमों को संशोधित करना अनिवार्य किया जाए।
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