CBSE CwSN Guidelines for all School: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक अहम नोटिस जारी किया है. यह नोटिस स्पेशल नीड वाले बच्चों (CwSN) से संबंधित है. सीबीएसई बोर्ड ने अपने सभी स्कूलों और मान्यता प्राप्त स्कूलों में स्पेशल नीड वाले बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में एक गाइडलाइन्स (CwSN Guidelines) जारी किया है. इस गाइडलाइन्स में स्पेशल नीड वाले बच्चों के कक्षाओं के स्थान के लिए निर्देश दिए गए हैं. इसमें मंजिलों की पुष्टि करने के निर्देश के साथ रैंप और सुलभ सुविधाओं, लिफ्ट, नॉर्मल टॉयलेट, सुलभ शौचालय, वॉश बेसिन और इंडियन स्क्वाटिंग सीट के साथ बाधा-मुक्त पहुंच सुनिश्चित करने के साथ ही फिसलन-रोधी मार्ग बनाए रखने का निर्देश दिया है.
सीबीएसई ने गाइडलाइन्स में बदलाव का कारण बताते हुए कहा, "बोर्ड को स्कूलों से लिखित अनुरोध मिल रहे हैं और बोर्ड के विभिन्न हितधारक मंचों पर इस मामले पर चर्चा भी की जा रही है, ताकि स्कूलों में पढ़ने वाले सीडब्ल्यूएसएन छात्रों के लिए दिशा-निर्देशों को अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके."
सीबीएसई की जरूरी गाइडलाइन्स (CBSE Board's Important Guidelines )
समान शैक्षिक अवसर प्रदान करने के लिए सीडब्लूएसएन तक बाधा-मुक्त पहुंच के लिए स्कूल के भूतल पर एक उचित रैंप का निर्माण अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए.
लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग सीडब्लूएसएन अनुरूप शौचालय, जिसमें व्हील चेयर/वॉकर की आवाजाही के लिए पर्याप्त जगह हो, भूतल पर या किसी अन्य मंजिल पर बनाए रखा जाना चाहिए, जिस पर स्कूल सीडब्लूएसएन उम्मीदवारों के लिए कक्षाएं/प्रैक्टिकल आयोजित कर रहा हो.
स्कूल को संबद्धता/संबद्धता के विस्तार की मांग करते समय यह पुष्टि करनी चाहिए कि वह किस मंजिल पर सीडब्लूएसएन के लिए कक्षाएं/प्रैक्टिकल आयोजित करना चाहता है.
स्कूल तक पहुंचने का रास्ता अच्छी तरह से बनाए रखा जाना चाहिए और समतल सतह प्रदान की जानी चाहिए.
पक्की फर्श सभी छात्रों और शिक्षकों को आरामदायक पहुंच हो और विकलांग बच्चों और वयस्कों को सुविधा हो.
सतहें दृढ़ और समतल होनी चाहिए, जिसकी फिनिश सभी मौसम की स्थितियों में फिसलन-रोधी हो.
मार्ग में किसी भी कर्ब (उभरे हुए रास्ते) पर व्हीलचेयर की पहुंच के लिए उचित ड्रॉप कर्ब होने चाहिए.
गेट से स्कूल की इमारतों, खेल के मैदान और शौचालय तक का रास्ता साफ, पक्का, समतल और नियमित रूप से बनाए रखा जाना चाहिए.
स्कूल की इमारतों में मुख्य प्रवेश द्वार और दरवाज़े 1500-1800 मिमी चौड़े होने चाहिए.
कक्षाओं, शौचालयों, प्रयोगशालाओं आदि में कम से कम 900 मिमी की स्पष्ट दरवाज़ा चौड़ाई होनी चाहिए.
पैदल मार्ग में तीखे मोड़ से बचना चाहिए.
पैदल मार्ग पर लटकी हुई और उभरी हुई बाधाएं जैसे खिड़कियां, लाइटें, छोटी शाखाएं, गमले, साइनपोस्ट आदि नहीं होनी चाहिए.
पैदल मार्ग में किसी भी खतरनाक बिंदु पर रेलिंग प्रदान की जानी चाहिए. सीढ़ियों और बरामदे सहित स्तर में अचानक बदलाव की स्थिति में गार्ड रेलिंग अनिवार्य है.
चोट से बचने के लिए हैंडरेल के सिरों को गोल किया जाना चाहिए/जमीन में ग्राउट किया जाना चाहिए (नीचे की ओर मुड़ा हुआ).
सीढ़ियों की ऊंचाई और चौड़ाई बराबर होनी चाहिए (राइजर और ट्रेड).
ढलान में हर बदलाव पर, सीढ़ियों की शुरुआत और अंत में आसान पहचान के लिए और मोड़ पर चमकीले, विपरीत रंग के स्पर्शनीय पेवर्स (अधिमानतः पीले) का उपयोग किया जाना चाहिए.
सभी फर्श की सतहों पर नॉन-स्लिप/एंटी-स्किड/मैट फिनिश होनी चाहिए, और किसी भी ढीले बजरी या कोबलस्टोन से बचना चाहिए.
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