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This Article is From Jan 01, 2019

CBSE Exam: हंसते-खेलते करें परीक्षा की तैयारी, जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट

CBSE की 10वीं की परीक्षा 21 फरवरी से 29 मार्च तक होगी. वहीं 12वीं (CBSE Class 12) की परीक्षा 15 फरवरी से 3 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी.

CBSE Exam: हंसते-खेलते करें परीक्षा की तैयारी, जानिए क्या कहते है एक्सपर्ट
CBSE 10वीं और 12वीं की परीक्षा का शेड्यूल पहले ही जारी कर चुका है.
नई दिल्ली:

CBSE Board की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हो रही है. सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा (CBSE Class 10) 21 फरवरी से 29 मार्च तक होगी. वहीं 12वीं (CBSE Class 12) की परीक्षा 15 फरवरी से 3 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी. परीक्षा (CBSE Exam) का समय नजदीक है, ऐसे में स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी तेज कर देनी चाहिए. परीक्षा कार्यक्रम (CBSE Exam Date 2019) घोषित होने के साथ ही विद्यार्थियों के दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं, और वे तनाव में हैं. उनकी तनाव की वजह परीक्षा का थोड़ा पहले होना भी है. लेकिन विशेषज्ञ बच्चों को तनावमुक्त होकर हंसते-खेलते पढ़ाई करने का सुझाव दे रहे हैं. उल्लेखनीय है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण इस बार परीक्षा थोड़ा पहले हो रही है. 

विद्यार्थियों का कहना है कि महत्वपूर्ण विषयों के प्रश्नपत्र लगातार होने से उसकी तैयारी के लिए समय नहीं मिल रहा है. दिल्ली के अशोक बिहार स्थित मॉन्टफोर्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं की छात्रा विहा मिश्रा इससे काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा, "स्कूल में प्रीबोर्ड शुरू हो गए हैं. हमें प्री बोर्ड देने हैं और डेटशीट भी आ गई है, तो हमारे पास परीक्षा की तैयारी करने का समय ही नहीं है. अकाउंट और दूसरे विषयों में आए बदलाव के कारण सिलेबस पूरा नहीं कर पाए, सेल्फ स्टडी का भी बिल्कुल टाइम नहीं रहा और स्कूल में भी जल्दी बोर्ड हो रहे हैं."

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ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन ने परीक्षा तिथियों (CBSE Exam Dates) में बदलाव की मांग उठाई है. एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने पिछले दिनों सीबीएसई (CBSE) से आग्रह किया था कि वह तिथियों के मामले में विद्यार्थियों की समस्या का संज्ञान ले. हालांकि मनोविज्ञानी डॉ. समीर पारेख परीक्षा तिथियों के थोड़ा आगे-पीछे होने को महत्व नहीं देते. उन्होंने आईएएनएस से कहा, "मुझे लगता है कि बोर्ड एग्जाम कब हो रहे हैं, इस बात को महत्व नहीं देना चाहिए, क्योंकि एग्जाम हर साल आते हैं. 10 दिन पहले आएं, 10 दिन बाद आएं, इससे फर्क नहीं पड़ता है. बच्चों को डेट्स के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए."

यहां फोर्टिस हेल्थकेयर में मेंटल हेल्थ केयर एंड बिहेवियरल साइंसेस के निदेशक डॉ. पारेख ने कहा, "एग्जाम कब होते हैं, एग्जाम में क्या सवाल पूछे जाते हैं, एग्जाम देने के बाद क्या रिजल्ट आता है, ये तीनों चीजें हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं, जो चीज हमारे नियंत्रण में न हो, हमें उस बारे में नहीं सोचना चाहिए. आपने साल भर जो मेहनत की है, उसके साथ आत्मविश्वास जगाएं, अभी भी परीक्षा में काफी समय है."

दिल्ली के उत्तम नगर स्थित राजकीय सह शिक्षा उच्च माध्यमिक विद्यालय कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं की विज्ञान की छात्रा कृतिका शुक्ला हालांकि परीक्षा को सकारात्मकता से लेती हैं. वह कहती हैं, "साइंस वालों की परीक्षा इन्हीं दिनों होती है, थोड़ी डेट चेंज हुई है, पर सिलेबस पूरा है, बस सेल्फ स्टडी करनी है, जो चल रही है. पेपर को लेकर टेंशन तो होती है. जल्दी हो या कुछ टाइम बाद, क्या फर्क पड़ता है. पढ़ना तो उतना ही है."

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बिंदापुर स्थित सैनिक पब्लिक स्कूल की शिक्षिका मीनाक्षी ने आईएएनएस से कहा, "बच्चों का सिलेबस पूरा हो चुका है. रिविजन चल रहा है. उन्हें सारी चीजें दोबारा समझा रहे हैं, जिस बच्चे को जो समस्या है, वे उसे पूछ रहे हैं और पढ़ाई में जुटे हुए हैं. प्रीबोर्ड से उन्हें काफी लाभ मिलता है, इससे उन्हें आइडिया लग जाता है कि पेपर कैसे आता है." कुछ भी हो परीक्षा को लेकर बच्चों में तनाव आ ही जाता है. आखिर बच्चे कैसे तनावमुक्त होकर तैयारी करें?

डॉ. पारेख कहते हैं, "हंसते-खेलते पढ़ाई करें और हंसते-खेलते एग्जाम दें, क्योंकि जब हम तनाव कम रखते हैं, तो मार्क्‍स ज्यादा आते हैं. पढ़ाई के दिनों में खेल-खेलने से भी अच्छे मार्क्‍स आते हैं, क्योंकि आप रिलेक्स होते हैं. इस तरह की चीजों को बच्चों को महत्व देना चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "जीवनशैली अच्छी करें, आउटडोर एक्टीविटी करें, दूसरों से तुलना न करें, सेल्फ टेस्ट लेने से मानसिक तनाव दूर होता है. तनाव महसूस कर रहे हैं तो पैरेंट्स से बात करें, रिलेक्स रहें."

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परीक्षा के दौरान माता-पिता की भूमिका के बारे में डॉ. समीर ने कहा, "पैरेंट्स को सकारात्मक रहना चाहिए. बच्चों का साथ दें, पढ़ाई में उनकी मदद करें, रोक-टोक नहीं करनी चाहिए. ध्यान रखें कि बच्चा परेशान न हो. अगर तनाव में है तो तनाव कम करने में मदद करें, आत्मविश्वास दिलाएं."

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