धन की उपलब्धता के बावजूद उत्तर प्रदेश के 1,366 स्कूल बिना समुचित भवन के हैं और कुछ तो छप्पर के नीचे चल रहे हैं. भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक कैग ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के 1.6 लाख स्कूलों में से 2,978 स्कूलों में पेयजल सुविधा नहीं है जबकि 1,734 स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग से शौचालय नहीं हैं.
विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि 50 हजार 849 स्कूलों के पास खेल के मैदान नहीं हैं जबकि 35, 995 स्कूलों के पास पुस्तकालय नहीं हैं.
कैग ने कहा कि 34,098 स्कूलों में बिजली नहीं है हालांकि वायरिंग और इलेक्ट्रिक फिटिंग पर 64.22 करोड रूपये का खर्च हुआ. सपा सरकार के समय 2012 से 2016 के बीच 26.22 लाख बच्चों को मुफ्त पाठय पुस्तकें नहीं मिल पायीं हालांकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत पर्याप्त धन मिला था.
समीक्षाधीन अवधि में 97 लाख बच्चों को यूनीफार्म नहीं दी गयी हालांकि इस मद में भी सर्व शिक्षा अभियान के तहत पर्याप्त धन मिला था.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि 50 हजार 849 स्कूलों के पास खेल के मैदान नहीं हैं जबकि 35, 995 स्कूलों के पास पुस्तकालय नहीं हैं.
कैग ने कहा कि 34,098 स्कूलों में बिजली नहीं है हालांकि वायरिंग और इलेक्ट्रिक फिटिंग पर 64.22 करोड रूपये का खर्च हुआ. सपा सरकार के समय 2012 से 2016 के बीच 26.22 लाख बच्चों को मुफ्त पाठय पुस्तकें नहीं मिल पायीं हालांकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत पर्याप्त धन मिला था.
समीक्षाधीन अवधि में 97 लाख बच्चों को यूनीफार्म नहीं दी गयी हालांकि इस मद में भी सर्व शिक्षा अभियान के तहत पर्याप्त धन मिला था.
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