बिहार में अब सरकारी स्कूलों में पोषण की कक्षा (क्लास) लगेगी. इस दौरान बच्चों को स्वस्थ रहने और पोषण की जानकारी दी जाएगी, और स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए उन्हें प्रेरित किया जाएगा. बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आऱ क़े महाजन ने सभी जिलों को विद्यालयों में गतिविधियां आयोजित करने का निर्देश दिया है. केन्द्र सरकार ने सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में पूरे भारत वर्ष में मनाने का फैसला किया है, जिसके तहत बिहार में इसके आयोजन का मुख्य जिम्मा समाज कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग को दिया गया है. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रखंडों तथा जिला स्तर पर पोषण मेले लगेंगे. उन्होंने कहा कि प्रखंडों में 9 से 13 सितम्बर के बीच तथा जिला मुखयालयों में 23 से 28 सितम्बर के बीच पोषण मेला आयोजित किया जाएगा. इसके अलावा सोमवार से स्कूलों में बच्चों को पोषण की जानकारी दी जाएगी.
इस मेले में बच्चों द्वारा पोषण से संबंधित विंदुओं पर चर्चा की जाएगी. भोज्य विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा. भोजन में विटामिन, मिनरल, वसा, काबरेहाईड्रेड युक्त खाद्य पदार्थ का महत्व चित्र के द्वारा दिखलाया जाएगा. पोषण से संबंधित रंगोली, नारा, कविता आदि की प्रस्तुति की जाएगी. सरकारी स्कूलों में पोषण की कक्षाओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं को स्वस्थ रहने के उपाय बताए जाएंगे, उन्हें पोषण की जानकारी दी जाएगी, साथ ही स्वच्छता के महत्व की भी जानकारी दी जाएगी. विद्यालय स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, संगोष्ठी, क्विज एवं श्लोगन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी.
सरकार का मानना है कि कुपोषण की समस्या ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों की सघन बस्तियों में रहने वाले वंचित वर्ग के बीच सबसे अधिक है. जागरूकता के अभाव में इस वर्ग के बच्चों का पोषण ठीक ढंग से नहीं हो पाता है. बिहार समाज कल्याण विभाग ने 'पोषण माह' के दौरान 'जागरूकता अभियान' जन-जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.
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