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This Article is From Jan 29, 2018

Beating The Retreat Ceremony: जानिए इसका इतिहास और 5 रोचक तथ्य

बीट‍िंंग द र‍िट्रीट समारोह का आयोजन गणतंत्र द‍िवस के तीन द‍िन बाद यानी क‍ि 29 जनवरी को होता है.

बीटिंग री-ट्रीट की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

बीटिंग रीट्रीट समारोह को गणतंत्र दिवस के जश्न के समापन के रूप में मनाया जाता है. इस समारोह को हर साल गणतंत्र द‍िवस के तीन द‍िन बाद यानी क‍ि 29 जनवरी की शाम को विजय चौक पर आयोजित किया जाता है. इस समारोह में भारतीय सेना अपनी ताकत और संस्कृति का प्रदर्शन करती है. आज हम आपको इस समारोह से जुड़ी ऐसे ही 5 वजहों के बारे मे बताने जा रहे हैं जो इसे बेहद खास बनाती हैं.

1. 1950 में शुरू हुई थी तैयारी
बीटिंग रिट्रीट ब्रिटेन की बहुत पुरानी परंपरा है. इसका असली नाम 'वॉच सेटिंग' है और यह सूर्य डूबने के समय मनाया जाता है. भारत में बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत सन 1950 से हुई. 1950 से अब तक भारत के गणतंत्र बनने के बाद बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को दो बार रद्द करना पड़ा है. पहला 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण और दूसरी बार ऐसा 27 जनवरी 2009 को देश के आठवें राष्ट्रपति वेंकटरमन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो जाने पर किया गया.

2. पुरानी परंपरा की दिलाती है याद
यह समारोह सैनिकों की उस पुरानी परंपरा की भी याद दिलाता है जिसमें सैनिक दिन भर के युद्ध के बाद शाम के समय आराम करते थे. दरअसल, यही वह समय होता था जब वे अपने कैंप में लौटते थे और ढलते सूरज के साथ शाम के समय जश्‍न मनाते थे. इसके बाद वे फिर से युद्ध की तैयारी में जुट जाते थे.

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3. कैसे मनाई जाती है बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी?
तीनों सेनओं के बैंड एक साथ मिलकर धुन बजाते हैं और इसी के साथ बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान कई लोकप्रिय धुनें बजाई जाती हैं. ड्रमर्स महात्‍मा गांधी की पसंदीदा धुनों में से एक एबाइडिड विद मी बजाते हैं. इसके बाद बैंड मास्‍टर राष्‍ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं. बैंड मार्च वापस जाते समय 'सारे जहां से अच्‍छा...' की धुन बजाई जाती है. ठीक शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगे को उतार लिया जाता हैं और राष्‍ट्रगान गाया जाता है. इस तरह गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन हो जाता है.

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4. राष्ट्रपति होते हैं मुख्य अतिथि
समारोह में राष्ट्रपति बतौर मुख्य अतिथि शामिल होतें हैं.राष्ट्रपति भवन से समारोह स्थल तक राष्ट्रपति को उनके अंगरक्षक और कैवेरी यूनिट विशेष सुरक्षा के बीच लेकर आते हैं. 

VIDEO: विजय चौक पर आयोजित हुई बीटिंग रीट्रीट



5. समारोह के बाद ही बैरक में लौटती है सेना
गणतंत्रा दिवस के लिए राजधानी दिल्ली में आईं विभिन्न सैन्य टुकड़ियां इस समारोह के खत्म होने के बाद ही अपनी-अपनी यूनिट और बैरक में लौटती हैं. इस लिहाज से यह समारोह सैनिकों के लिए बैरक में लौटने से पहले का जश्न भी होता है. 
 

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