अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) और नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) में जियोस्पेशियल साइंस और टेक्नोलॉजी (Geospatial Science And Technology) सब्जेक्ट को शामिल करने की मंजूरी दे दी है. NET में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए और IIT और NIT सहित विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में लेक्चरशिप में शामिल होने वाले उम्मीदवार अब इस नए सब्जेक्ट को पढ़ सकेंगे.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस सब्जेक्ट को शामिल करने से छात्रों को लाभ होगा और "देश में भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र के विकास" में मदद मिलेगी.
इसरो (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में नेशनल जियोस्पेशियल टास्क फोर्स रिपोर्ट 2013 की सिफारिश पर इस विषय को शामिल करने की मंजूरी दी गई.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने गेट (GATE) और नेट (NET) की परीक्षा में जियोस्पेशियल सब्जेक्ट की आवश्यकता के बारे में बताया है.
डीएसटी के सचिव, प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने एक बयान में कहा, "जियोस्पेशियल साइंस और टेक्नोलॉजी एक तेजी से विकसित होने वाला विषय है, जो सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में अभूतपूर्व अवसरों के साथ योजना, विकास और शासन की गतिविधियों की अधिकता का निर्माण करता है."