
नयी दिल्ली:
नीति आयोग को यूजीसी तथा एआईसीटीई के पुनर्गठन के लिये रूपरेखा तैयार करने की भी जिम्मेदारी सौंपी गयी है। फिलहाल आयोग भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को पुनर्गठित करने पर काम कर रहा है।
आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता वाली समिति एमसीआई के पुनर्गठन पर काम कर रहा है। निकाय द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा के खराब नियमन को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने नीति आयोग को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के साथ होम्योपैथी और आयुर्वेदिक शिक्षा को देखने वाले बोर्ड के पुनर्गठन पर भी काम करने को कहा है।’’ उसने कहा कि यह एमसीआई के लिये पुनर्गठन रणनीति के अनुरूप ही है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस बात को लेकर आम सहमति है कि इन संगठनों को आज के बदलते समय में अधिक प्रासंगिक बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी अनुभव किया जाता है कि उन्हें प्रदर्शन उन्मुख बनाने की जरूरत है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो।’’ एमसीआई के बारे में समिति का विचार है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाने के लिये भारतीय चिकित्सा परिषद को समाप्त किया जाना चाहिए।
एमसीआई द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा के खराब नियमन के मुद्दे को देख रही समिति में पनगढ़िया के अलावा प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव पी के मिश्र, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत तथा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी समिति में शामिल हैं।
आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता वाली समिति एमसीआई के पुनर्गठन पर काम कर रहा है। निकाय द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा के खराब नियमन को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने नीति आयोग को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के साथ होम्योपैथी और आयुर्वेदिक शिक्षा को देखने वाले बोर्ड के पुनर्गठन पर भी काम करने को कहा है।’’ उसने कहा कि यह एमसीआई के लिये पुनर्गठन रणनीति के अनुरूप ही है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस बात को लेकर आम सहमति है कि इन संगठनों को आज के बदलते समय में अधिक प्रासंगिक बनाने की जरूरत है। साथ ही यह भी अनुभव किया जाता है कि उन्हें प्रदर्शन उन्मुख बनाने की जरूरत है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो।’’ एमसीआई के बारे में समिति का विचार है कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ाने के लिये भारतीय चिकित्सा परिषद को समाप्त किया जाना चाहिए।
एमसीआई द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा के खराब नियमन के मुद्दे को देख रही समिति में पनगढ़िया के अलावा प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव पी के मिश्र, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत तथा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव भी समिति में शामिल हैं।
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