विज्ञापन
This Article is From Feb 14, 2017

नर्सरी दाखिला: हाई कोर्ट का फैसला, दूरी की बाध्यता खत्म, केजरीवाल सरकार को झटका

नर्सरी दाखिला: हाई कोर्ट का फैसला, दूरी की बाध्यता खत्म, केजरीवाल सरकार को झटका
प्रतीकात्‍मक चित्र
दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार के स्कूल से नजदीकी के आधार पर बनाए गए नर्सरी में प्रवेश के नए नियमों रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि ये नियम मनमाने और भेदभावपूर्ण हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के नाम पर सरकार प्राइवेट स्कूलों के साथ मनमानी नहीं कर सकती है.

कोर्ट के इस फ़ैसले से इस साल नर्सरी एडमिशन को लेकर तस्‍वीर काफी हद तक साफ हो गई है. यह फैसला परिजनों और स्‍कूल दोनों के लिए ही बड़ी राहत लेकर आया.

न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि नए नियमों पर सात जनवरी को लगाई गई अंतरिम रोक तब तक जारी रहेगी जब तक कि गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों से संबंधित दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं का पूरी तरह निस्तारण नहीं हो जाता. दिल्ली सरकार ने गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को आदेश दिया था कि वह नर्सरी प्रवेश से संबंधित आवेदन स्कूल से घर की दूरी के मापदंड के आधार पर ही स्वीकार करें.

दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर, 2016 और सात जनवरी को अधिसूचना जारी कर दिल्ली विकास प्राधिकरण की भूमि पर बने 298 निजी स्कूलों को नर्सरी प्रवेश से संबंधित फॉर्म केवल नजदीकी मापदंड के आधार पर ही स्वीकार करने का निर्देश दिया था. इसे अभिभावकों और दो स्कूल समूहों ने याचिका दायर कर चुनौती दी थी.

सात जनवरी की अधिसूचना पर रोक लगाते हुए अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय जो काम सीधे तौर पर नहीं कर सकता, वही काम वह अप्रत्यक्ष तौर पर भी नहीं कर सकता है. आवेदन देने की आज अंतिम तारीख है.

इससे पहले अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में अल्पसंख्यक स्कूलों के मद्देनजर इस अधिसूचना के अनुपालन पर रोक लगा दी थी. अदालत ने कहा था कि नजदीकी का मापदंड जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों और वंचित समूहों पर लागू होता है, वह सामान्य श्रेणी पर लागू नहीं होता है.

इनपुट भाषा से.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com