केंद्र सरकार ने ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने वाली स्विगी-जोमैटो (Swiggy Zomato) कंपनियों के खिलाफ बढ़ती शिकायतों को लेकर सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है. इन फूड एग्रीग्रेटर्स (food aggregators) को शिकायतों के निपटारे में सुधार के लिए 15 दिन में कार्ययोजना बताने को कहा गया है. इन कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वो अपने शिकायत निवारण तंत्र ( consumer grievance redressal mechanism) में सुधार से जुड़े सुझाव 15 दिन में सौंपने को कहा गया है. ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों को लेकर यह कदम उठाया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बड़े ई कॉमर्स फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को यह निर्देश दिया है. उन्होंने शिकायतों के निपटारे की मौजूदा व्यवस्था और उनमें सुधार से संबंधित प्रस्ताव मांगा गया है. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सोमवार को एक बैठक के दौरान ये निर्देश दिए.
यह बैठक स्विगी, जोमैटो जैसे बड़ी ऑनलाइन फूड सप्लाई कंपनियों के साथ ग्राहकों की शिकायतों से जुड़े मुद्दे पर बुलाई गई थी.एक जानकारी में कहा गया है कि पिछले 12 माह के दौरान करीब 3631 से ज्यादा शिकायतें नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन में स्विगी के खिलाफ और 2828 जोमैटो के खिलाफ पंजीकृत हुई हैं. ऑनलाइन ऑर्डर करने वाले उपभोक्ताओं की सबसे बड़ी शिकायत रही है कि इन कंपनियों के पास कोई टोलफ्री नंबर जैसी व्यवस्था नहीं है, जहां उनकी शिकायतों का सही ढंग से निदान हो सके. साथ ही इन कंपनियों के ऐप पर भी सहायता से जुड़े गिने चुने सवालों पर ही जवाब मिलते हैं और ग्राहक ऐसे मामलों में खुद को असहाय पाता है.
इन कंपनियों के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें सेवा में कमी (803), खाना पहुंचाने में देरी या न पहुंचाने (628), खराब खाद्य पदार्थ या उत्पाद की(456), गलत प्रोडक्ट की आपूर्ति (401), पैसा वापस न लौटाने(391), सामान में कमी (240), एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने (213) शिकायतें मिली हैं. वेज की जगह नॉन वेज फूड डिलीवर करने की 105, कैशबैक वगैरा न देने की 99 और पैसा न पहुंचने से जुड़ी 58 शिकायतें भी मिली हैं. कुल 3631 शिकायतें मिली हैं.