सरकार का मानना है कि एक मजबूत एवं सरल व्यापार वित्त पारिस्थितिकी तंत्र भारत के लिए वर्ष 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने के लिए बेहद अहम है. विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) में अतिरिक्त महानिदेशक एस सी अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि व्यापार के लिए किफायती वित्त की सुगम उपलब्धता से देश को अपनी निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ाने में मदद मिलती है.
उन्होंने कहा कि कारोबारियों और सरकार दोनों को ही इस दिशा में मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि घरेलू एवं सीमापार व्यापार के लिए आसानी से वित्त मिल सके.
अग्रवाल ने कहा, ‘‘दो लाख करोड़ डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल करने के लिए एक मजबूत एवं सुगम व्यापार वित्त पारिस्थितिकी का विकास हमारे लिए बेहद अहम है.''
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को इस पारिस्थितिकी को सशक्त करने और वित्त जुटाने के आसान तरीकों पर गौर करना चाहिए. भारत ने वर्ष 2030 तक अपना कुल निर्यात बढ़ाकर दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में देश से सेवाओं एवं वस्तुओं का कुल निर्यात 775.87 अरब डॉलर रहा जो वर्ष 2021-22 के 676.53 अरब डॉलर की तुलना में 14.68 प्रतिशत अधिक है.