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शेयर बाजार : आंकड़ों, तिमाही परिणाम पर रहेगी नजर

शेयर बाजार में अगले सप्ताह निवेशकों का ध्यान मुख्यत: अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाले कुछ प्रमुख सरकारी आंकड़ों तथा मौजूदा कारोबारी वर्ष की पहली तिमाही के लिए कंपनियों के परिणामों पर टिका रहेगा।
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NDTV Profit हिंदी07:58 PM IST, 11 Aug 2013NDTV Profit हिंदी
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शेयर बाजार में अगले सप्ताह निवेशकों का ध्यान मुख्यत: अर्थव्यवस्था की स्थिति बताने वाले कुछ प्रमुख सरकारी आंकड़ों तथा मौजूदा कारोबारी वर्ष की पहली तिमाही के लिए कंपनियों के परिणामों पर टिका रहेगा। शेयर बाजार गुरुवार, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंद रहेगा।

कंपनियां अगले सप्ताह भी पहली तिमाही के परिणाम जारी करती रहेंगी और निवेशक उन परिणामों के साथ आने वाली कारोबार संबंधी महत्वपूर्ण टिप्पणियों में शेयरों की भावी दिशा-दशा का अनुमान लगाने की कोशिश करेंगे।

अगले सप्ताह परिणाम घोषित करने वाली कंपनियों में, शनिवार को ब्रुक्स लेबोरेटरीज, गोदरेज इंडस्ट्रीज और रिलायंस मीडियावर्क्‍स लिमिटेड, सोमवार को बीएजी फिल्म्स, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, धनलक्ष्मी बैंक, डीएलएफ, इरोज इंटरनेशनल मीडिया, एचपीसीएल, इंडियन होटल्स, कामत होटल्स, ओएनजीसी, एसबीआई, टेक महिंद्रा और युनाइटेड बैंक, मंगलवार को बीपीसीएल, जीएमआर इंफ्रा, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, होटल लीला, इंडियन ऑयल कारपोरेशन, इनफाइनाइट कंप्यूटर सोल्यूशंस, श्रीलेदर्स और व्हर्लपूल, बुधवार को बीपीएल, फ्यूचर रिटेल, गीतांजलि जेम्स, जेके टायर्स, एमएमटीसी और सेल शामिल हैं।

अगले सप्ताह औद्योगिक उत्पादन और महंगाई से संबंधित आंकड़े भा आ जाएंगे। सोमवार, 12 अगस्त को जून 2013 के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी किए जाएंगे। सोमवार को ही उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से संबंधित आंकड़े भी जारी किए जाएंगे। सरकार जुलाई के लिए थोक मूल्य पर आधारित महंगाई के आंकड़े बुधवार, 14 अगस्त 2013 को जारी करेगी।

इस वर्ष बेहतर बारिश के कारण कृषि उपज अच्छी रहने की उम्मीद है। इससे खाद्य महंगाई दर में कमी आ सकती है। उपज बेहतर रहने से ग्रामीणों की क्रय क्षमता बढ़ेगी और इससे मांग में तेजी आएगी। इसके अलावा आगामी त्यौहारी सत्र के कारण भी खुदरा बाजार में तेजी रहने के आसार हैं। खास तौर से वाहन और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु क्षेत्र की कंपनियां अच्छा कारोबार कर सकती हैं।

पांच अगस्त से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का भी निवेशकों के निवेश फैसले पर असर हो सकता है। मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद में पेश होने की उम्मीद है। इनमें प्रमुख हैं, भूमि अधिग्रहण विधेयक, बीमा विधेयक, पेंशन विधेयक और प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक।

आने वाले कुछ सप्ताहों में बाजार में शेयरों की व्यापक आपूर्ति के कारण शेयर बाजारों के सूचकांकों के ऊपर चढ़ने की उम्मीद कम है।

अगले वर्ष सरकारी कंपनियों के विनिवेश के सरकारी लक्ष्य से भी शेयरों की बिकवाली को हवा मिलेगी। सरकार ने सार्वजनिक कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से वर्तमान कारोबारी वर्ष में 40,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने निजी कंपनियों में भी अपनी हिस्सेदारी के विनिवेश से 14,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

लोकसभा चुनाव से जुड़ी खबरों के चलते अगले साल मई तक शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने के आसार हैं। माना जा रहा है कि अगली सरकार कई पार्टियों वाली मिली-जुली हो सकती है। इससे सुधार की प्रक्रिया के अवरुद्ध होने की आशंका है। इसका असर वित्तीय घाटा प्रबंधन पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है, और वैश्विक रेटिंग एजेंसियां भारत की रेटिंग घटा सकती हैं।

बाजार में इस वक्त सेंसेक्स से बाहर बड़ी संख्या में शेयरों में तेज गिरावट चल रही है। इसे देखते हुए निवेशक बॉटम अप की रणनीति अपना सकते हैं, यानि वे सस्ते शेयर खरीद सकते हैं। छोटे निवेशकों को इस दौरान सेक्टर कॉल लेने के बजाय खास-खास शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

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