बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही। अमेरिका में नकदी प्रवाह बढ़ाने के कदम को धीमा किए जाने को लेकर आशंका तथा मुद्रास्फीति एवं औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आने से पहले सेंसेक्स 84 अंक गिरकर बंद हुआ।
निर्यात वृद्धि दर नवंबर में धीमी होकर पांच महीने के निम्न स्तर पर जाने से भी धारणा प्रभावित हुई। हालांकि व्यापार घाटा कम हुआ है। पूंजीगत वस्तुओं तथा वाहन सहित 11 खंडों के सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। वहीं एफएमसीजी में तेजी का रुख रहा।
टाटा मोटर्स तथा लार्सन एंड टूब्रो के शेयरों में गिरावट से जहां सेंसेक्स नीचे आया, वहीं एचडीएफसी तथा आईटीसी से समर्थन मिला। भारतीय स्टेट बैंक, भेल तथा भारती एयरटेल समेत 19 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। 30 प्रमुख शेयरों पर आधारित
सेंसेक्स शुरुआत में कमजोर खुला और एक समय 186 अंक लुढ़क गया था, लेकिन बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ और अंतत: 83.85 अंक गिरकर 21,171.41 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 23.95 अंक या 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,307.90 अंक पर बंद हुआ। एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज का एस एक्स 40 भी 46.69 अंक लुढ़ककर 12,569.51 अंक पर बंद हुआ।
कारोबारियों के अनुसार सालाना आधार पर निर्यात वृद्धि दर नवंबर में घटकर 5.9 प्रतिशत रहने से कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। इससे पहले लगातार चार महीने इसमें दोहरे अंक में वृद्धि हुई। अक्टूबर का औद्यागिक उत्पादन का आंकड़ा तथा नवंबर का खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा गुरुवार को आना है, जिसको देखते हुए निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। इसके अलावा वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख का भी बाजार पर असर पड़ा। एशियाई बाजारों में ताइवान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, चीन, जापान तथा हांगकांग के बाजारों में गिरावट का रुख रहा।