निराशाजनक आर्थिक आंकड़ों के बीच निवेशकों द्वारा हाथ खींच लिए जाने के कारण बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 88 अंक टूटकर 28,064.61 अंक पर बंद हुआ. औद्योगिक उत्पादन वृद्धि जून में घटकर 2.1 प्रतिशत रह गई, जबकि मुद्रास्फीति दो साल के उच्च स्तर पर आ गई है. इसके साथ ही येन में मजबूती के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोरी के रुख से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई.
बीएसई का 30 शेयर आधारित सेंसेकस 28,190.04 अंक पर ऊंचा खुला. कारोबार के दौरान यह 28,199.10 अंक और 27,942.65 अंक के दायरे में रहने के बाद यह 87.89 अंक की गिरावट दर्शाता हुआ 28,064.61 अंक पर बंद हुआ. बीते दो सत्रों में सेंसेक्स 377.52 अंक मजबूत हुआ था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 29.60 अंक टूटकर 8642.55 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 8682.35 और 8600.45 अंक के दायरे में रहा. उल्लेखनीय है कि सब्जियों, दालों और चीनी के दाम बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी जुलाई माह में तेजी से बढ़ती हुई 3.55 प्रतिशत पर पहुंच गई. थोक मुद्रास्फीति का यह पिछले 23 माह का उच्चतम स्तर है. थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में 1.62 प्रतिशत थी, जबकि एक साल पहले जुलाई में यह शून्य से चार प्रतिशत नीचे थी. पिछले सप्ताह जारी खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में भी जुलाई के दौरान अच्छी वृद्धि दर्ज की गई. खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में 6.07 प्रतिशत हो गई. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन जून में 2.1 प्रतिशत बढ़ा, हालांकि एक साल पहले यह वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत थी.
जियोजित बीएनपी परिबा फाइनेंसियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा कि आर्थिक आंकड़ों से बाजार में निराशा है. उन्होंने कहा, 'उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और थोक मूल्य सूंचकांक दोनों से अक्टूबर में ब्याज दर में कटौती की संभावना कमजोर हुई है।'
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