प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयर एशिया इंडिया के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) से विदेशी मुद्रा के लेनदेन में नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में पूछताछ की है.
गौरतलब है कि टाटा संस के चेयरमैन पद से निष्कासित साइरस मिस्त्री ने आरोप लगाया था कि सिंगापुर और भारत की इकाइयों के बीच अवैध तरीके से 22 करोड़ रुपये का एक लेनदेन किया गया था, जो कथित तौर पर इस एयरलाइंस से संबंधित था. उनका दावा था कि जिन इकाइयों के बीच लेनदेन हुआ दरअसल उनका वजूद ही नहीं था.
आधिकारियों के अनुसार निदेशालय के जांच अधिकारी ने एयर एशिया इंडिया सीएफओ अंकुर खन्ना से इस हफ्ते की शुरुआत में उनका बयान लिया था. यह कार्रवाई फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम) के तहत की गई. एयरलाइंस के प्रवक्ता ने इस घटनाक्रम के संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
गौरतलब है कि ईडी ने इससे पहले इस एयरलाइंस और इसके अधिकारियों को समन जारी कर संबंधित दस्तावेज पेश करने और सफाई देने को कहा था. जांच के दायरे में सिंगापुर की कंपनी को 12 करोड़ रुपये का एक खास भुगतान भी शामिल है, जो 22 करोड़ रुपये की राशि से अलग है. अधिकारियों के अनुसार ईडी समूह की आंतरिक जांच से जुड़े कागजात की भी जांच कर रही है.
मिस्त्री ने अक्टूबर में टाटा समूह के अंदर नैतिकता से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए दावा किया था कि आपराधिक गड़बड़ी का पता लगाने के लिए एक आंतरिक जांच में 22 करोड़ रुपये के भुगतान का यह मामला सामने आया था.
उल्लेखनीय है कि टाटा संस ने मलेशिया की एयर एशिया कंपनी और अरुण भाटिया की टेलेस्ट्रा ट्रेडप्लेस के साथ मिलकर 2013 में एयर एशिया इंडिया एयरलाइन की शुरुआत की थी. यह सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनी है. टाटा समूह ने उसी साल सितंबर में सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर संपूर्ण सेवा देने वाली एक अलग विमानन कंपनी विस्तारा की भी शुरुआत की थी.
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