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बैंक हड़ताल का दूसरा दिन, एटीएम में नकदी की कमी

देश की व्यवसायिक राजधानी मुंबई और अन्य शहरों में बैंकों की हड़ताल का व्यापक असर नजर आ रहा है, यहां एटीएम में नकदी की कमी हो गई।
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NDTV Profit हिंदी01:54 PM IST, 11 Feb 2014NDTV Profit हिंदी
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देश की व्यवसायिक राजधानी मुंबई और अन्य शहरों में बैंकों की हड़ताल का व्यापक असर नजर आ रहा है, यहां एटीएम में नकदी की कमी हो गई। मंगलवार को दूसरे दिन में पहुंचे हड़ताल का असर व्यापारिक और वाणिज्यिक कार्यों पर पड़ा है।

निजी, सरकारी, कई विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में ताले लटके हुए हैं।

युनाइटेड फोरम आप बैंक युनियन्स (यूबीएफयू) के राज्य संयोजक रवि शेट्टी के मुताबिक, कई जगहों में एटीएम में नकदी की कमी हो गई है, क्योंकि बैंककर्मियों की हड़ताल की वजह से एटीएम में नकदी नहीं डाले जा सके हैं।

आल इंडिया बैंक इम्प्लोइज एसोसिएशन (एआईबीईए) के उपाध्यक्ष विश्वास उतागी ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन लगभग 7,40,000 करोड़ रुपये के लगभग 10 करोड़ चेक का क्लियरेंस नहीं हो पाया। शेट्टी ने कहा कि हड़ताल सोमवार सुबह छह बजे शुरू हुआ जो बुधवार सुबह छह बजे समाप्त होगा।

शेट्टी ने कहा,  हड़ताल का व्यापक असर है। सहकारी बैंकों को छोड़ कर इन बैंकों के लाखों कर्मचारी इस हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं और लगभग 90,000 बैंकों की शाखाएं विभिन्न मांगों को लेकर दो दिनों तक बंद हैं।

यूबीएफयू के आह्वान पर देशभर के 27 सरकारी, 18 निजी , आठ विदेशी और 48 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हड़ताल पर हैं।

उतागी ने कहा कि वेतन वृद्धि के लंबित मामले सहित यूबीएयू निजी क्षेत्रों के बैंक, विलय, कार्पोरेट घरानों को नए लाइसेंस जारी करने, नॉन परफार्मिंग एसेट में वृद्धि जैसे बैंकिंग सुधार का भी विरोध कर रहा है।

यूबीएफयू  में एआईबीईए, नेशनल कन्फेडरेशन आफ बैंक इम्प्लोइज, बैंक इम्प्लोइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक इम्प्लोइज फेडरेशन, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस, नेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया वर्कर्स, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और नेशनल आर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक आफिसर्स शामिल हैं।

देश के पूर्वोत्तर हिस्सों में भी बैंकिंग सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। बैंककर्मी बैंकिंग क्षेत्र में प्रस्तावित सुधारों के विरोध में तथा वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।

यूनाइटेड फोरम बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के प्रवक्ता सुशोभन दत्ता मजूमदार ने कहा, राष्ट्रीयकृत एवं निजी बैंकों की दो हजार से अधिक शाखाओं के दस हजार से भी ज्यादा बैंककर्मियों ने बैंकिंग कानूनों में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में हड़ताल में हिस्सा लिया।

यूएफबीयू में शामिल सरकारी बैंकों के चार कर्मचारी संघों एवं चार अधिकारी संघों ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के साथ नई दिल्ली में बैठक बेनतीजा रहने के बाद हड़ताल का आह्वान किया।

मजूमदर ने अगरतला में संवादताओं से कहा, दो दिनों की बैंक हड़ताल केवल बैंक कर्मचारियों के हित के लिए नहीं है, बल्कि यह आंदोलन केंद्र सरकार की राष्ट्र विरोधी नीतियों के विरोधस्वरूप किया जा रहा है, ताकि भारतीय बैंकों को विदेशी हाथों के नियंत्रण में जाने से बचाया जा सके। बैंककर्मी अधिकारियों द्वारा महत्वहीन गतिविधियों की आउटसोर्सिंग को लेकर भी विरोध कर रहे हैं।

हड़ताल से सरकारी और विदेशी मुद्रा के लेन-देन पर भी असर पड़ा है।

पूर्वोत्तर में राष्ट्रीय और निजी बैंक शाखाओं के सभी एटीएम मशीनें भी हड़ताल के दौरान बंद पड़ी हैं, जिससे ग्राहकों को काफी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।

वहीं उत्तर प्रदेश में बैंकिंग सेवा पूरी तरह ठप रहीं। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के बैनर तले राज्य की करीब 10,000 बैंक शाखाओं के एक लाख सरकारी और निजी बैंककर्मी हड़ताल पर हैं।

बैंकों की शाखाओं में दूसरे दिन भी ताले लटके रहे हैं। बैंकों में नकदी निकासी, जमा और चेक क्लियरेंस प्रक्रिया बाधित होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैंककर्मियों के यूनियन नेता बैंक के मुख्यालय के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

राज्य के विभिन्न शहरों के कई एटीएम में नगदी समाप्त होने की खबरें आ रही हैं। लखनऊ के करीब 200 एटीएम नगदी समाप्त होने या तकनीकी खराबी के चलते बंद पड़े हैं।

बैंककर्मी करीब 20 फीसदी वेतन वृद्धि की मांग के अलावा बैंकिंग क्षेत्र में सुधार का भी विरोध कर रहे हैं। इन सुधारों में निजीकरण, विलय, निजी कंपनियों को नए बैंक लाइसेंस जारी किया जाना, बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां तथा अन्य मुद्दे शामिल है ।

यूएफबीयू के संयोजक (उत्तर प्रदेश) वाई. के. आरोड़ा ने कहा कि हड़ताल के पहले दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश में करीब 10,000 करोड़ रुपये के चेक का क्लीयरेंस नहीं हो पाया।  कमोबेश यही हाल हड़ताल के दूसरे दिन यानी आज भी रहेगा।

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