बाजार नियामक सेबी ने ऋणदाताओं द्वारा संकटग्रस्त सूचीबद्ध कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने के लिए नियमों में ढील दी है और संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है. इसके तहत उन्हें शेयरधारकों के लिए खुली पेशकश करने से छूट दी गई है. हालांकि बाजार नियामक का कहना है कि यह छूट कुछ शर्तों के साथ मिलेगी, जिसमें हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए शेयरधारकों की मंजूरी विशेष प्रस्ताव से लिया जाना भी शामिल है.
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सेबी ने यह फैसला ऐसे समय में किया है, जबकि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि के फंसे कर्ज से निपटने का प्रयास कर रहे हैं. नियामक ने 14 अगस्त को जारी अधिसूचना में कहा है कि एक्सचेंजों में सूचीबद्ध संकटग्रस्त कंपनियों में पुनर्गठन के नियमों में ढील दी है.
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नियामक के इस कदम का उद्देश्य संकटग्रस्त सूचीबद्ध कंपनियों में कायापलट आसान करना है, जिसका फायदा शेयरधारकों और ऋणदाताओं को होगा.
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