प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांडरिंग से जुड़े एक मामले की जांच के संबंध में गुरुवार को सत्यम कंप्यूटर्स सर्विसेज लिमिटेड की 822 करोड़ रुपये की सावधि जमा को जब्त करते हुए उस पर रोक लगा दी है। यह कंपनी अब महिंद्रा सत्यम के नाम से जानी जाती है।
जिस एससीएसएल कंपनी की सावधि जमा के लेन-देन पर रोक लगाई है सत्यम घोटाला सामने आने के बाद 2009 में टेक महिंद्रा ने उसका अधिग्रहण कर लिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने सत्यम के संस्थापक बी रामलिंग राजू और उनके परिवार सदस्यों के खिलाफ कथित तौर पर वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप में अभियोजन प्रक्रिया शुरू कर दी है। घोटाला सामने आने से पहले राजू एससीएसएल के अध्यक्ष थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने एससीएसएल के खातों को इसलिए जब्त किया कि जांच में पाया गया कि राजू और उनके सहयोगियों ने गलत तरीके से उक्त कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ा कर उन्होंने या तो शेयर बेचकर या फिर शेयर गिरवी रखकर पैसा जुटाया।
आदेश के मुताबिक राजू और उनके परिवार ने कथित तौर पर कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी प्रकाशित कर निवेशकों को आकर्षित किया।
महिंद्रा सत्यम के आधिकारिक प्रवक्ता ने इस मामले में यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वरिष्ठ प्रबंधन अभी भी मौजूदा स्थिति का आकलन कर रहा है।