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रूस के रुपया ट्रैप से विदेश में फंसा 147 बिलियन डॉलर

भारत के साथ एक असंतुलित व्यापार संबंध रूस को रुपये की संपत्ति में हर महीने $ 1 बिलियन तक जमा करने के लिए मजबूर कर रहा है जो देश के बाहर फंसे हुए हैं, यूक्रेन के आक्रमण के बाद से रूस का विदेशों में पूंजी के भंडार में वृद्धि हुई है.
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NDTV Profit हिंदी11:28 AM IST, 02 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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भारत के साथ एक असंतुलित व्यापार संबंध रूस को रुपये की संपत्ति में हर महीने $ 1 बिलियन तक जमा करने के लिए मजबूर कर रहा है जो देश के बाहर फंसे हुए हैं, यूक्रेन के आक्रमण के बाद से रूस का विदेशों में पूंजी के भंडार में वृद्धि हुई है.

रूस पिछले एक साल में भारत के लिए तेल के शीर्ष आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है. इससे यह राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार का एक बड़ा हिस्सा तय कर रहा है और शिपमेंट को पूर्व की ओर भेज कर रहा है क्योंकि यूरोप में पारंपरिक ग्राहकों ने एक साल पहले युद्ध शुरू होने के बाद खरीद बंद कर दी थी.

लेकिन भारत से आयात स्थिर होने के साथ ही, रूस में रुपये की अधिकता हो रही है. इससे उसकी कंपनियों को स्थानीय मुद्रा प्रतिबंधों के कारण प्रत्यावर्तित करने में परेशानी हो रही है. मामले के जानकारों के अनुसार, समाधान पर गतिरोध ने रूस को फायदे की उम्मीद दी है.

ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अनुसार, हर तिमाही में असंतुलन की संभावना $2 बिलियन से $3 बिलियन के बराबर है जो रूस उपयोग नहीं कर सकता है. यह राशि 2022 के दौरान विदेशों में निर्मित शुद्ध विदेशी संपत्ति में अनुमानित $147 बिलियन में है.

हाल ही में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एससीओ बैठक में कहा था कि हमने भारतीय बैंकों में अरबों डॉलर रुपये जमा कर लिए हैं. यह एक समस्या है और हमें इस पैसे का इस्तेमाल करने के लिए इसे किसी दूसरी मुद्रा में बदलने की जरूरत है. इसे लेकर अब चर्चा की जा रही है. यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद रूस पर अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं और इस कारण भारतीय कंपनियों का भी पैसा रूस में फंस गया है.
 

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