यूपीए सरकार की ओर से लागू की गई मनरेगा स्कीम में अब मौजूदा ग्रामीण विकास मंत्री की ओर से तब्दीली की तैयारी है। ग्रामीण विकास मंत्री नितिन गडकरी चाहते हैं कि दिहाड़ी और साजो−सामान के अनुपात को 60. 40 से घटा कर 51.49 कर दिया जाए।
इसके साथ ही इस स्कीम को हर जगह लागू न करके केवल जरूरतमंद इलाकों में ही लागू किया जाए। राज्यों को यह अधिकार दिया जाए कि वह जरूरत के मुताबिक इस योजना के तहत आने वाले कामों को जोड़ और हटा सके।
मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के मुताबिक, अगर इन बदलावों को लागू किया जाता है तो मनरेगा के तहत रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या में 40 फीसदी की कमी आ सकती है, लेकिन गडकरी इन बदलावों को लागू करने के पक्ष में हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही इन्हें इस योजना का हिस्सा बना दिया जाएगा।
इस स्कीम को लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से मुहिम भी चलाई गई है। अरुणा रॉय और निखिल डे सरीखे समाजसेवी इसके लिए हस्ताक्षर अभियान और प्रधानमंत्री को खुला पत्र जैसे विकल्पों पर लोगों को एकजुट कर रहे हैं।