शेल कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के तहत सरकार ने दो लाख से अधिक कंपनियों के रजिस्ट्रेशन खत्म कर दिए हैं. साथ ही इन कंपनियों के बैंक खातों पर भी रोक लगा दी गई है. कंपनी लॉ के नियमों का पालन नहीं होने पर यह कार्रवाई की गई है. सरकार ने कहा है कि ये कंपनियां जब तक नियम और शर्तों को पूरा नहीं कर लेती हैं, तब तक उनके निदेशक कंपनी के बैंक खातों से लेनदेन नहीं कर सकेंगे. ऐसा संदेह है कि इन शेल कंपनियों का इस्तेमाल कथित तौर पर अवैध धन के लेनदेन और टैक्स चोरी के लिए किया जाता रहा था.
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एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि कंपनी कानून की धारा 248-5 के तहत 2,09,032 कंपनियों के नाम कंपनी रजिस्ट्रार की फाइल से काट दिए गए हैं. जिन कंपनियों के नाम काट दिए गए हैं, उनके निदेशक और अथॉराइज्ड हस्ताक्षरकर्ता अब इन कंपनियों के पूर्व निदशेक और पूर्व प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता बन जाएंगे.
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कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी कानून की जिस धारा 248 का इस्तेमाल किया है, उसके तहत सरकार को विभिन्न कारणों के चलते कंपनियों के नाम रजिस्टर से काटने का अधिकार दिया गया है. इनमें एक वजह यह भी है कि ये कंपनियां लंबे समय तक कामकाज नहीं कर रहीं हैं.