भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई का कहना है कि आगामी समय में ब्याज दरों में कटौती व्यावसायिक बैंकों द्वारा कर्ज सस्ता करने और अन्य कारकों पर निर्भर करेगी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने रेपो दर 7.25 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 6.25 प्रतिशत पर बनी हुई है। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को भी 4.0 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।
विकास, मंहगाई और अन्य मौजूदा स्थिति के बारे में राजन ने कहा, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति के प्रति उदार रुख अपनाए जाने के दौरान नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला समझदारी भरा है।
पहली बार मार्च में हुई मॉनिटरी पॉलिसी की रिव्यू के दौरान आरबीआई ने 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी। इसके बाद जून में भी 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी।
वैसे उद्योग जगत नीतिगत दरों में कटौती की मांग कर रहा था क्योंकि थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति कम है और औद्योगिक वृद्धि में नरमी है। यहां तक की सरकार भी चाहती है कि नीतिगत दर कम रहे ताकि वृद्धि को प्रोत्साहन मिले।