भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को महंगाई दर के पूर्वानुमान को बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया, जिसे पहले उसने जुलाई में सात फीसदी पर रखा था। आरबीआई ने साथ ही कहा कि मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही में स्थिति और खराब हो सकती है।
आरबीआई के गवर्नर डी. सुब्बाराव ने 2012-13 की मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, महंगाई दर में चौथी तिमाही में गिरावट शुरू होने से पहले तीसरी तिमाही में थोड़ी वृद्धि होने का अनुमान है।
सुब्बाराव ने कहा, मार्च 2013 के लिए थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर के पूर्वानुमान को जुलाई में घोषित सात फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी किया जाता है।
आरबीआई का ध्यान अब भी महंगाई दर को नियंत्रित करने पर टिका हुआ है और मंगलवार को उसने मुख्य नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया।
मौजूदा कारोबारी साल की पहली छमाही में थोक मूल्य पर आधारित महंगाई दर लगातार 7.5 फीसदी से ऊपर बनी रही। अगस्त महीने में यह साल-दर-साल आधार पर 7.55 फीसदी थी, जबकि महंगे ईंधन और गैर खाद्य विनिर्मित वस्तुओं में कीमत बढ़ने से सितम्बर महीने में यह और बढ़कर 10 महीने के ऊपरी स्तर 7.81 फीसदी पर चली गई। आलोच्य अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित उपभोक्ता महंगाई दर भी ऊपरी स्तर पर बनी रही।