इस समय ऋण वृद्धि उस स्तर से बहुत दूर है, जिसे ‘उत्साही' माना जाए. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि तुलनात्मक रूप से ऋण वृद्धि तथा जमा वृद्धि के बीच कोई ‘बड़ा अंतर' नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वर्तमान स्थिति में ऋण वृद्धि निश्चित रूप से उत्साहजनक स्तर से बहुत दूर है. यह निश्चित रूप से बहुत स्थिर है. हम बहुत सावधानी से इसकी निगरानी कर रहे हैं.''
दास ने कहा कि जब कोई ऋण वृद्धि और जमा वृद्धि की तुलना करता है, तो इसमें आधार प्रभाव के कारण अंतर दिखता है.
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह पिछले वर्षों के कम आधार प्रभाव के कारण ऋण वृद्धि बहुत अधिक दिखती है, वैसे ही जमा वृद्धि भी पिछले वर्षों के आधार प्रभाव के कारण बहुत कम है.'' गौरतलब है कि महामारी के दौरान दो साल में ऋण वृद्धि काफी कम थी.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दो दिसंबर को समाप्त पखवाड़े में ऋण वृद्धि 17.5 प्रतिशत थी, जबकि जमा वृद्धि 9.9 प्रतिशत रही.