संसद का बजट सत्र 7 जुलाई से 14 अगस्त तक चलेगा और इस बीच नरेंद्र मोदी सरकार का पहला आम बजट 10 जुलाई को पेश किया जाएगा।
रेल बजट 8 जुलाई को पेश होगा और आर्थिक सर्वेक्षण 9 जुलाई को पेश किया जाएगा।
संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) ने सोमवार को अपनी बैठक में यह निर्णय किया। सीसीपीए की यह बैठक गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद भवन में संसदीय मामलों के मंत्री एम वेंकैया नायडु के कक्ष में हुई।
समिति ने यह निर्णय भी किया कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अध्यादेश सहित अन्य अध्यादेशों के बदले लाए जाने वाले विधेयकों को पारित कराने को प्राथमिकता दी जाएगी। विधेयकों में बदले जाने वाले अन्य अध्यादेश पोलावरम परियोजना, टीआरएआई और सेबी से संबंधित हैं।
इन अध्यादेशों को जुलाई के तीसरे सप्ताह से पहले विधेयकों में बदला जाना है। एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले इस सत्र में कुल 28 बैठकें होंगी।
पिछले सरकार के समय संसद द्वारा मंजूर लेखानुदान मांगों की मियाद 31 जुलाई को समाप्त होने से पहले नया बजट लाया जाना है।
संसद सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से अन्य विषयों के साथ ही रेल भाड़े में वृद्धि पर विरोध जताया जा सकता है।
लोकसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव भी इसी सत्र के दौरान होगा।
उधर, विपक्ष के नेता का दर्जा देने के मामले में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पहले ही कह चुकी हैं कि वह इस विषय पर बजट सत्र से पहले निर्णय कर लेंगी।
कांग्रेस सहित किसी भी दल को इन लोकसभा चुनवों में इतनी सीट नहीं मिली हैं कि किसी को सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल सके। नेता प्रतिपक्ष का दर्जा पाने के लिए किसी दल के पास सदन की कुल संख्या का कम से कम 10 प्रतिशत यानी 55 सदस्य होने चाहिए। सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के पास केवल 44 सीट हैं।
हालांकि, कांग्रेस इस आधार पर इस पद का दावा कर रही है कि उसकी अगुवाई वाले चुनाव पूर्व गठबंधन संप्रग की सीटें इतनी हैं कि उसे यह पद मिल सके।