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सरकारी क्षेत्र के बैंकों की कमाई उम्मीद से बेहतर

सार्वजनिक क्षेत्र के पांच सरकारी बैंकों के सितंबर तिमाही के परिणाम बाजार की उम्मीदों से भी बेहतर रहे हैं। खासतौर से फंसे कर्ज के मामले में बैंकों ने बाजार के अनुमानों को पीछे छोड़ दिया।
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NDTV Profit हिंदी10:57 AM IST, 04 Nov 2013NDTV Profit हिंदी
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सार्वजनिक क्षेत्र के पांच सरकारी बैंकों के सितंबर तिमाही के परिणाम बाजार की उम्मीदों से भी बेहतर रहे हैं। खासतौर से फंसे कर्ज के मामले में बैंकों ने बाजार के अनुमानों को पीछे छोड़ दिया।

सरकारी क्षेत्र के बैंकों में अब तक बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक और सिंडीकेट बैंक ने दूसरी तिमाही के परिणाम घोषित किए हैं।

इनमें बैंक ऑफ इंडिया ने चौंकाने वाले परिणाम घोषित किए हैं। सितंबर में समाप्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ 105 प्रतिशत बढ़कर 622 करोड़ रुपये रहा है। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक का मुनाफा 302 करोड़ रुपये रहा था। बैंक की ऊंची शुद्ध ब्याज आय और दूसरी आय बढ़ने से मुनाफा बढ़ा है। बैंक की शुद्ध ब्याज आय 15.07 प्रतिशत बढ़कर 2,527 करोड़ रुपये रही है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 2,196 करोड़ रुपये रही थी।

शुद्ध लाभ दोगुना होने से 31 अक्टूबर को एनएसई में बैंक का शेयर मूल्य 22 प्रतिशत बढ़कर 211.95 रुपये हो गया। कोलकाता स्थित इलाहाबाद बैंक का शुद्ध लाभ 17.7 प्रतिशत बढ़कर 275.81 करोड़ रुपये रहा, जबकि सिंडीकेट बैंक का मुनाफा मामूली 1.4 प्रतिशत बढ़कर 470.12 करोड़ रुपये रहा है।

इसके विपरीत, देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक - बैंक ऑफ बड़ौदा का मुनाफा इस दौरान 10.2 प्रतिशत घटकर 1,168.10 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, यह भी बाजार की उम्मीदों से बेहतर रहा और बीएसई में बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर मूल्य 4.5 प्रतिशत बढ़कर 671.65 करोड़ रुपये रहा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ हालांकि 62.45 प्रतिशत घटकर 208.12 करोड़ रुपये रह गया, क्योंकि बैंक को काफी प्रावधान दूसरे कार्यों के लिए करने पड़े। फिर भी बाजार ने इसे अनुकूल माना और यूबीआई का शेयर 9 प्रतिशत बढ़कर 134.40 रुपये पर बंद हुआ।

बैंकों के कर्ज की स्थिति में मिलाजुला रुख रहा। बैंक ऑफ इंडिया की कर्ज में फंसी राशि का अनुपात 3.42 प्रतिशत से घटकर 2.93 प्रतिशत रह गया। बैंक ऑफ बड़ौदा के मामले में स्थिति इसके उलट रही और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां यानी एनपीए 1.98 प्रतिशत से बढ़कर 3.15 प्रतिशत हो गई।

यूनियन बैंक का सकल एनपीए मामूली बढ़कर 3.64 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 2.06 प्रतिशत से बढ़कर 2.15 प्रतिशत हो गया। इलाहाबाद बैंक की एनपीए स्थिति और भी खराब हो गई। दूसरी तिमाही में इलाहाबाद का एनपीए 2.95 प्रतिशत से बढ़कर 4.94 प्रतिशत हो गई। यही स्थिति सिंडीकेट बैंक की रही। उसका एनपीए 2.47 प्रतिशत से बढ़कर 2.88 प्रतिशत हो गया।

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