खास बातें
- मौजूदा व नई पीपीएफ जमाओं को कुर्क किए जाने से सुरक्षा मिलती रहेगी
- वित्त विधेयक-2018 के मुताबिक पीपीएफ एक्ट, 1968 खत्म कर दिया जाएगा
- 10 प्रमुख बचत योजनाओं के खाते बचत खातों में तब्दील कर दिए जाएंगे
नई दिल्ली: बजट में प्रस्तावित बदलावों से लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजना के तहत मिलने वाले लाभ खत्म होने की आशंकाओं को खारिज करते हुए आर्थिक मामलों के सचिव एस सी गर्ग ने कहा कि मौजूदा व नई पीपीएफ जमाओं को कुर्क किए जाने से सुरक्षा मिलती रहेगी. वित्त विधेयक-2018 के मुताबिक पीपीएफ एक्ट, 1968 खत्म कर दिया जाएगा और केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही 10 प्रमुख बचत योजनाओं के खाते बचत खातों में तब्दील कर दिए जाएंगे.
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गर्ग ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी है. उन्होंने लिखा है, ‘पीपीएफ खातों को किसी तरह की कुर्की के प्रति संरक्षा है. प्रस्तावित सरकारी बचत संवर्धन कानून के साथ पीपीएफ कानून को सुदृढ़ करते समय सभी मौजूदा संरक्षणों को बनाए रखा गया है.’ वित्त विधेयक 2018-19 में लोक भविष्य निधि कानून, 1968 को समाप्त करने का एक प्रावधान शामिल किया गया है.
इसके परिणामस्वरूप पीपीएफ सहित सभी लघु बचत योजनाएं सरकारी बचत बैंक कानून-1873 के अधीन आ जाएंगी. इन योजनाओं में डाकघर बचत खाता, राष्ट्रीय बचत मासिक आय (खाता), राष्ट्रीय अचत आवृति जमा और सुकन्या समृद्धि खाता योजना शामिल हैं.(इनपुट भाषा से)
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