कर विभाग ने कहा है कि कंपनियों का कारोबार अगर 50 करोड़ रुपये या उससे कम रहता है तो वे ‘प्लेस ऑफ इफेक्टिव मैनेजमेंट’ (पीओईएम) नियम के दायरे में नहीं आएंगी. इस नियम के तहत विदेशी कंपनियों को उस स्थिति में भारत में कर देने की आवश्यकता होती है, अगर उसका प्रभावी प्रबंधन कार्यालय देश के भीतर है.
पिछले महीने कर विभाग ने बहु-प्रतीक्षित पीओईएम नियमों को जारी किया. इसके तहत यह जरूरी है कि भारत में विदेशी कंपनियां तथा विदेशी अनुषंगी वाली भारतीय कंपनियां इस आधार पर स्थानीय करों का भुगतान करें कि जहां से उनके कारोबार का प्रबंधन और नियंत्रण होता है. चीजों को स्पष्ट करने के लिये सीबीडीटी ने एक परिपत्र में कहा कि यह प्रावधान उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जिनका कारोबार या सकल प्राप्ति एक वित्त वर्ष में 50 करोड़ या उससे कम है.
पीओएम नियम जारी करते हुए सीबीडीटी ने कहा था कि इसका मकसद मुखौटा कंपनियों और उन इकाइयों पर शिकंजा कसना है जो आय को भारत से बाहर दिखाने के लिये बनायी गयी हैं. हालांकि, उनका वास्तविक नियंत्रण और प्रबंधन भारत में ही केंद्रित है. नांगिया एण्ड कंपनी के प्रबंधन भागीदारी राकेश नांगिया ने कहा कि इस सर्कुलर से मामले में स्पष्टता आएगी. इसके बाद केवल वही कंपनियां पीओईएम के दायरे में आयेंगी जिनका सालाना कारोबार 50 करोड़ रुपये अथवा उससे अधिक है.