भ्रष्टाचार तथा सब्सिडी के अपव्यय को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सब्सिडी का पैसा सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजने की महत्वाकांक्षी योजना पर अमल का निर्णय किया है। इस योजना से चौथाई परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है।
इस कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए सिंह ने कुछ ढांचागत व्यवस्था की है। इसके तहत उन्होंने अपने अधीन एक समिति के गठन के साथ साथ कुछ अन्य समूह गठित किए हैं।
इस योजना को आधार पहचान संख्या आधारित कर के साथ क्रियान्वित करने का विचार है। सरकार हर साल विभिन्न प्रकार की सब्सिडी पर 3,25,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। नई योजना का उद्देश्य भ्रष्टचार तथा डीजल, एलपीजी समेत विभिन्न वस्तुओं पर सब्सिडी तथा पेंशन एवं स्कॉलरशिप जैसे अन्य लाभों को जरूरतमंदों तक नई पहुंचने में भ्रष्टाचार, हेराफेरी और अपव्यय को पर रोक लगाना है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, ‘भ्रष्टाचार रोकने तथा जरूरतमंदों तब सब्सिडी का लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा दिया जाने वाला लाभ सीधा लाभार्थियों के बैंक खाते में डालने की योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय किया है।’
बयान में कहा गया है, ‘इसे समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए इस दिशा में त्वरित आधार पर कदम बढ़ाया जाएगा।’ यह योजना पायलट आधार पर छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, पंबजा, तमिलनाडु, राजस्थान तथा सिक्किम में पहले से चल रही है।