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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में होने जा रही है कटौती? पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिया ये जवाब

पिछले तीन महीनें में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली है. इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. पिछले महीने भी OPEC ने कच्चे तेल के उत्पादन में कुछ कमी की थी. OPEC का मानना है कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और कच्चे तेल के बाजार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
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NDTV Profit हिंदी04:08 PM IST, 02 Nov 2022NDTV Profit हिंदी
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नई दिल्ली. देश में 1 नवंबर को पेट्रोल की कीमत (Petrol-Diesel Price) में 40 पैसे प्रत‍ि लीटर की कटौती होने की उम्‍मीद जताई जा रही थी, लेक‍िन भारतीय तेल कंपन‍ियों ने मंगलवार को तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया. इस बीच आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती किए जाने की चर्चा भी हो रही है. हालांकि, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इससे इनकार किया है. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'ऐसी खबर मुझे भी मीडिया से मिल रही है. मैं अभी अबु धाबी से लौटा हूं. अभी इस बारे में कुछ कह नहीं सकता, क्योंकि डीजल पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (Oil Marketing Companies) की अभी भी अंडर रिकवरी है.'

दरअसल, दुनिया में कच्चे तेल के उत्पादक देशों के सबसे बड़े संगठन OPEC ने प्रतिदिन 20 लाख बैरल कच्चे तेल के उत्पादन में कमी लाने का फैसला किया है. 1 नवंबर से ऐसा किया जाना था. साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण कच्चे तेल के उत्पादन में कमी के बाद यह सबसे अधिक कटौती का फैसला है. कोरोना महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट हुई है. इस बीच OPEC का यह फैसला इससे एक झटके की तरह है.

OPEC देशों के वियना में आयोजित मंत्रिमंडल स्तर की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. कोरोना महामारी के बाद यह OPEC की पहली बैठक थी, जिसमें सदस्य देशों के मंत्रियों ने भाग लिया था. इस बैठक में इस बात की सहमति बनी कि सभी सदस्य देश नवंबर से कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करेंगे. हालांकि, अमेरिका ने इसपर कड़ी नाराजगी जाहिर की है.

पिछले तीन महीनें में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली है. इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 90 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. पिछले महीने भी OPEC ने कच्चे तेल के उत्पादन में कुछ कमी की थी. OPEC का मानना है कि वैश्विक आर्थिक स्थिति और कच्चे तेल के बाजार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. कुछ जानकारों का मानना है कि तेल उत्पादन में कटौती से दाम में बढ़ोतरी की संभावना कम है, क्योंकि OPEC पहले से ही अपने तय कोटे के मुताबिक उत्पादन नहीं कर पा रहा है.

ग्रीन एनर्जी को लेकर हैं आशान्वित
इससे पहले हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत सरकार किसी देश से खरीददारी नहीं करती है. यह तेल कंपनियां हैं जो यह तय करती हैं कि तेल कहां से खरीदा जाएगा. इस दौरान मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी सरकार के दबाव में नहीं है और वह अमेरिका के साथ स्वस्थ्य राजनयिक बातचीत कर रहा है. 

अमेरिकी प्रतिबंध कड़े होने की दशा में भारत के बैकअप प्लान को लेकर हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मोदी सरकार किसी भी सरकार का दबाव स्वीकार नहीं करती है. बावजूद इसके हमारे पास अपनी ईंधन जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बैकअप प्लान हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भारत ग्रीन एनर्जी को लेकर भी बहुत आशान्वित है.

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