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राजन का सुधार के लिए साहसिक कदम का वादा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 23वें नवनियुक्त गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को पदभार ग्रहण करने के बाद देश की मौजूदा गोता खा रही अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए साहसिक कदम उठाने एवं आरबीआई की नीतियों को भविष्योन्मुखी बनाने का वादा किया।
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NDTV Profit हिंदी01:07 AM IST, 05 Sep 2013NDTV Profit हिंदी
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 23वें नवनियुक्त गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को पदभार ग्रहण करने के बाद देश की मौजूदा गोता खा रही अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए साहसिक कदम उठाने एवं आरबीआई की नीतियों को भविष्योन्मुखी बनाने का वादा किया।

राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताया और कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए वर्तमान दौर चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन इसे संकटपूर्ण स्थिति नहीं कहा जा सकता तथा देश की अर्थव्यवस्था में मौजूदा उथल-पुथल का दौर अपने आखिरी चरण में है।

राजन ने कहा, "हमें अनावश्यक रूप से आशावादी बनने की जरूरत नहीं है.. लेकिन जितनी उथल-पुथल होनी थी हो चुकी।"

राजन ने आगे कहा, "हमें वैश्विक वित्तीय बाजार में आए तूफान के बीच भविष्य के लिए रास्ता बनाने की जरूरत है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि हम ऐसा करने में कामयाब होंगे।"

आरबीआई का गवर्नर नियुक्त होने से पहले राजन वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार थे।

आरबीआई के गवर्नर के तौर पर उन्होंने कहा कि वह आरबीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने एवं भविष्योन्मुखी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

राजन ने आगे कहा, "जब वित्तीय बाजार अस्थिर है, और निकट आम चुनावों के कारण घरेलू राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति भी बनी हुई है, ऐसी स्थिति में आरबीआई अपने उद्देश्यों के अनुरूप उम्मीद का किरण बना हुआ है।"

राजन ने कहा कि आरबीआई अपनी नीतियों की अगली समीक्षा 20 सितंबर को घोषित करेगा।

उन्होंने कहा, "मैंने नीतियों की घोषणा की पूर्व निर्धारित तिथि को थोड़ा आगे बढ़ा दिया है, ताकि इस बीच मुझे संबंधित विषय को समझने एवं विचार करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाए।"

राजन ने अपने पूर्ववर्ती की नीतियों को पलट देने के सवाल पर कहा कि इसके लिए 20 सितंबर तक रुकना होगा।

राजन ने बताया कि आरबीआई अगले वर्ष जनवरी से नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करेगा।

राजन ने मीडिया को बताया, "उम्मीद है हम अगले वर्ष जनवरी से नए बैंक लाइसेंसों की घोषणा कर सकेंगे।"

उन्होंने कहा कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित एक समिति लाइसेंस के आवेदनों की जांच करेगी तथा समिति की सिफारिशों पर नए लाइसेंस दिए जाने का फैसला काफी कुछ निर्भर करेगा।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान समय में करीब 26 कंपनियां बैंक लाइसेंस चाहती हैं, जिसमें टाटा संस, एल एंड टी, रिलायंस ग्रुप, आदित्य बिड़ला नूवो, बजाज, श्रीराम एंड रेलिगेयर जैसे देश के बड़े औद्योगिक घराने भी शामिल हैं।

1 जुलाई तक बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किए जाने थे।

राजन ने कहा कि आरबीआई का झुकाव बैंकिंग के लिए लाइसेंस दिए जाने की प्रक्रिया में तेजी लाने पर है।

राजन ने दिल्ली में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद एवं मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान से शिक्षा प्राप्त की है।

उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी नई भूमिका में आलोचनाओं के बावजूद सही दिशा में कुछ नया करने की उम्मीद है।

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