देश के कार्बन मुक्त ईंधन की तरफ बढ़ने के साथ उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की कंपनियों से लेकर सरकार के स्वामित्व वाली पेट्रोलियम इकाई Indian Oil और विद्युत उत्पादक NTPC जैसी भारतीय कंपनियों ने हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में अपनाने की महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है. हाइड्रोजन दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए चर्चा के केंद्र में है. ऊर्जा का सबसे स्वच्छ रूप होने के कारण, इसे प्राकृतिक गैस, बायोमास, और नवीकरणीय स्रोत जैसे सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे विभिन्न संसाधनों से उत्पादित किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल कारों में, घरों में, पोर्टेबल बिजली के लिए और कई अन्य चीजों में किया जा सकता है. निस्संदेह, दुनिया के अन्य स्थानों की तरह भारत में भी इसका महत्व बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (National Hydrogen Mission) की घोषणा की. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, 'हरित हाइड्रोजन दुनिया का भविष्य है. आज मैं (भारत को) हरित हाइड्रोजन का नया वैश्विक केंद्र और इसका सबसे बड़ा निर्यातक बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू किये जाने की घोषणा करता हूं.'
मिशन की घोषणा पहली बार फरवरी में चालू वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट में की गई थी और तब से कंपनियां एक के बाद एक परियोजनाओं की घोषणा कर रही हैं. लेकिन न तो कंपनियों की घोषणाओं में और न ही रविवार को मोदी के संबोधन में उत्पादन या क्षमता के लक्ष्यों के बारे में कुछ कहा गया.
बता दें कि परिवहन क्षेत्र के अलावा, हाइड्रोजन का कई क्षेत्रों जैसे कि रसायन, लोहा और इस्पात, हीटिंग और बिजली में इस्तेमाल किया सकता है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष अंबानी ने हाल ही में 2035 तक शुद्ध कार्बन-शून्य कंपनी बनने के अपनी कंपनी के लक्ष्य के तहत हाइड्रोजन से जुड़ी योजनाओं की घोषणा की. उन्होंने पिछले 24 जून को शेयरधारकों से कहा था, 'रिलायंस कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का उपयोगकर्ता बना रहेगा, लेकिन हम अपने कार्बन (सीओ) को उपयोगी उत्पादों और रसायनों में बदलने के लिए नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.' अंबानी ने कहा था, 'रिलायंस के पास परिवहन ईंधन को मूल्यवान पेट्रोकेमिकल और सामग्री निर्माण खंडों में बदलने के लिए स्वामित्व वाली तकनीक भी है. साथ ही, हम परिवहन ईंधन की जगह स्वच्छ बिजली और हाइड्रोजन लाएंगे.'
मार्च में, अडाणी समूह ने भी भारत में हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं को विकसित करने के लिए इटली की ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी कंपनी मैयर टेक्निमोंट के साथ साझेदारी की घोषणा की थी.
भारत की 25 करोड़ टन तेल शोधन क्षमता का लगभग एक तिहाई नियंत्रण करने वाली इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) उत्तर प्रदेश की अपनी मथुरा रिफाइनरी में एक हरित हाइड्रोजन संयंत्र का निर्माण करने की योजना बना रही है. देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी NTPC ने भी लद्दाख के लेह में भारत का पहला हरित हाइड्रोजन स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की है. कंपनी देश में सिटी गैस वितरण (CGD) नेटवर्क में इस्तेमाल के लिए प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन के मिश्रण की एक पायलट परियोजना शुरू करने की योजना बना रही है.