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शेयर बाजार समीक्षा : मिडकैप-स्मॉलकैप छह फीसदी, रियल्टी 14 फीसदी लुढ़के

देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह व्यापक गिरावट का माहौल रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 2.96 फीसदी और निफ्टी में 3.54 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।
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NDTV Profit हिंदी01:50 PM IST, 03 Aug 2013NDTV Profit हिंदी
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देश के शेयर बाजारों में गत सप्ताह व्यापक गिरावट का माहौल रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में 2.96 फीसदी और निफ्टी में 3.54 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।

मिडकैप और स्मॉलकैप छह फीसदी से अधिक लुढ़के, जबकि रियल्टी में 14 फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गत सप्ताह 2.96 फीसदी या 584.17 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 19,164.02 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी इसी अवधि में 3.54 फीसदी या 208.30 अंकों की गिरावट के साथ 5,677.90 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से छह शेयरों में तेजी रही। विप्रो (11.94 फीसदी), टीसीएस (3.52 फीसदी), इंफोसिस (3.41 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (2.22 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.19 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (15.98 फीसदी), कोल इंडिया (14.71 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (13.23 फीसदी), टाटा स्टील (11.99 फीसदी) और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज (11.83 फीसदी)।

गत सप्ताह बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में छह फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 6.07 फीसदी गिरावट के साथ 5,429.04 पर और स्मॉलकैप 6.13 फीसदी गिरावट के साथ 5,178.03 पर बंद हुआ। बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों - सूचना प्रौद्योगिकी (3.78 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (3.04 फीसदी) और प्रौद्योगिकी (2.43 फीसदी) में तेजी रही।

गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे रियल्टी (14.63 फीसदी), बिजली (10.49 फीसदी), सार्वजनिक कंपनियां (9.45 फीसदी), तेज खपत वाली उपभोक्ता वस्तु (8.20 फीसदी) और धातु (6.72 फीसदी)। गत सप्ताह के प्रमुख घटनाक्रमों में मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया।

आरबीआई ने रेपो दर को 7.25 फीसदी पर बरकरार रखा, इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी 6.25 फीसदी के पुराने स्तर पर बनी रही। रेपो दर वह दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं, वहीं रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों से उधार लेती है।

बैंक ने मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास दर के अनुमान को 5.7 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया। बैंक ने नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) को भी चार फीसदी पर बरकरार रखा गया। वाणिज्यिक बैंक अपनी कुल जमा राशि का एक निश्चित अनुपात आरबीआई में जमा रखते हैं, इसे ही सीआरआर कहते हैं। बुधवार को  निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार ने निर्यातकों के लिए ब्याज अनुदान को दो फीसदी से बढ़ाकर तीन फीसदी करने की घोषणा की। वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि नई दर 1 अगस्त से लागू होगी।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को कई क्षेत्रों में विदेश निवेश नियमों में ढील देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इनमें दूरसंचार, बहु ब्रांड रिटेल और रक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

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