देश में गरीबों को रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी की रकम सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किए जाने की केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना शनिवार को देश के 18 जिलों में शुरू हो गई। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने यहां इसका औपचारिक उद्घाटन किया।
रसोई गैस एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) पर प्रत्यक्ष नकदी अंतरण (डीबीटी) से इन जिलों में 67 लाख से अधिक उपभेक्ताओं को फायदा होगा। सब्सिडी की यह रकम उपभोक्ताओं को सीधे आधार या यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईडी) से जुड़े उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी।
योजना के उद्घाटन अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या प्राधिकरण (यूआईडीएडी) के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि भी मौजूद थे।
उधर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने भी हैदराबाद में आयोजित एक समारोह में इस योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री पानाबाका लक्ष्मी मौजूद थीं।
ऐसे लोग, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना है, लेकिन उनके बैंक खाते आधार से नहीं जुड़े हैं, उन्हें तीन माह के भीतर अपने बैंक खातों को आधार से जोड़ना होगा। यदि उन्होंने एक सितंबर तक ऐसा नहीं किया तो उन्हें सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
उम्मीद की जा रही है कि इस योजना से केंद्र सरकार पर सब्सिडी के रूप में पड़ने वाला लाखों रुपये का बोझ कम होगा।