रसोई गैस पर सीधे और नक़द सब्सिडी का फायदा उठाने के लिए गैस कनेक्शन को बैंक अकाउंट से लिंक करने की समयसीमा आज ख़त्म हो गई।
समयसीमा खत्म होने के ठीक पहले पूरी दिल्ली में हज़ारों लोगों ने अपना अकाउंट से गैस कनेक्शन को लिंक कराया। हालांकि माना जा रहा है कि देश में लाखों उपभोक्ता अभी तक ऐसा नहीं कर पाए हैं। किसी के साथ बैंक अकाउंट न होने की समस्या है, तो कई गैस एजेंसियों की तरफ से की गई हीला-हवाली की वजह से ऐसा नहीं कर पाए हैं।
जो उपभोक्ता 31 मार्च तक लिंक नहीं करा पाए हैं, उनके पास जून तक का एक मौक़ा है। अगर वे जून तक फार्म भरते हैं, तो तीन महीने की सब्सिडी उन्हें एक साथ मिल जाएगी। लेकिन अगर वो जुलाई में भरते हैं, तो सिर्फ एक महीने की सब्सिडी ही मिलेगी।
जिन लोगों ने लिंक करा लिया है, उनको 1 अप्रैल से कैश सब्सिडी का फायदा मिलने लगेगा। गैस कनेक्शन को बैंक अकाउंट से लिंक करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। इसमें उपभोक्ता अपने अकाउंट वाले बैंक में जाकर आधार कार्ड पेश करते हैं। सब्सिडी का फॉर्म भर कर जमा करते हैं। फिर बैंक उसे कुछ भी मिनटों में उसके अकाउंट को आधार कार्ड से लिंक कर देता है। इसके पहले या इसके बाद उपभोक्ता को आधार कार्ड गैस एजेंसी के पास पेश कर उसे गैस कनेक्शन से लिंक कराना होता है।
इस तरह आधार कार्ड एक तरफ बैंक अकाउंट से तो दूसरी तरफ गैस कनेक्शन से लिंक हो जाता है। सिलिंडर लेते समय उपभोक्ता को तो बाज़ार भाव से पूरे पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन सब्सिडी का पैसा उनके अकाउंट में वापस आ जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के बिना भी सब्सिडी देने का निर्देश दिया था। इसलिए जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, वो अपने बैंक में जाकर गैस कनेक्शन के नंबर से सीधे अकाउंट को लिंक कर सकते हैं। ये एजेंसी और बैंक दोनों ही स्तर पर हो सकता है।
सीधे बैंक अकाउंट में कैश सब्सिडी से घपले घोटाले का अंदेशे को ख़त्म करने की नीयत से लाया गया है। लेकिन समयसीमा को लेकर सरकार की सख्ती से अंदेशा इस बात का भी है कि कहीं संसाधनों से महरुम कमजोर तबके को ये झटका ना दे जाए।