नोटबंदी का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पर क्या असर पड़ेगा, इसका अनुमान कठिन है, क्योंकि इसके कई पहलू हैं. लेकिन भारत की विकास दर अभी भी चीन के मध्यम अवधि की तुलना में अधिक रहेगी. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने एक बयान में कहा है कि उसे उम्मीद है कि मध्यम अवधि में भारत की जीडीपी दर चीन से अधिक रहेगी.
फिच के एशिया प्रशांत सॉवरिन समूह के निदेशक थॉमस रूकमाकर का कहना है, 'हमें उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में वित्त वर्ष 2018 में तेजी आएगी. इसे सरकार द्वारा किए गए सुधार, पिछले साल मौद्रिक नीति में लाई गई सहजता, अवसंरचना पर बढ़ाए गए खर्च से मजबूती मिलेगी. जबकि चीन अपनी व्यापक अर्थव्यवस्था का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाता जा रहा है, जो विकास के लिए बोझ बन चुका है.' उन्होंने कहा, 'चीन के लिए हमारा अनुमान है कि वहां की जीडीपी दर 2017 में 6.4 फीसदी रहेगी, जो 2016 में लगाए गए 6.7 फीसदी के अनुमान से कम है.'
वहीं, अक्टूबर 2016 में फिच चालू वित्त वर्ष में भारत के 7.4 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था. फिच ने यह भी कहा कि भारत की विकास दर 2018-19 तक आठ फीसदी होगी.
सरकार की नोटबंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में फिच ने कहा है कि अल्पावधि में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह इस पर निर्भर करेगा कि कितने दिनों तक नकदी की कमी बरकरार रहती है.
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