वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले पांच वर्षों में ग्लोबल जॉब मार्केट (Global Job Market) में संकट के बादल छाए रहेंगे. हालांकि इसके बावजूद भारतीय नौकरी बाजार (Indian Job Market) के लिए राहत भरी खबर है. अगले पांच वर्षों में ग्लोबल जॉब मार्केट की तुलना में इंडियन जॉब मार्केट में औसत से कम उथल-पुथल कम देखने को मिलेगा. हाल ही में WEF द्वारा जारी "फ्यूचर ऑफ जॉब्स" रिपोर्ट से पता चलता है कि अगले पांच वर्षों में इंडियन जॉब मार्केट में में 22 प्रतिशत उथल-पुथल देखने को मिलेगा, जो कि ग्लोबल जॉब मार्केट के 23 प्रतिशत की तुलना में कम है.
इंटरनेशनल एडवोकेसी ग्रुप की यह रिपोर्ट 27 इंडस्ट्री ग्रुप के 800 करीब 800 कंपनियों और दुनिया के 45 इकोनॉमिक रीजन के सर्वे पर तैयार की गई है.
WEF की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2027 तक 69 मिलियन यानी 6.90 करोड़ नई जॉब्स क्रिएट होंगी जबकि 83 मिलियन (8.30 करोड़) नौकरियां खत्म होने की उम्मीद है. इस तरह देखा जाए तो करीब 14 मिलियन (1.40 करोड़) नोकरियों में कटौती होगी. यह मौजूदा जॉब्स के 2 फीसदी के बराबर है.
इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि जॉब मार्केट में जिन वजहों से उथल-पुथल जारी रहेगा, उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस( AI) , मशीन लर्निंग और डेटा सेगमेंट का सबसे बड़ा योगदान होगा. कुछ सेक्टर में नौकरिया बढ़ेंगी तो कई ऐसे सेक्टर हैं जहां नौकरिया कम होंगी.
दुनिया भर की जॉब मार्केट में साल 2027 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (38 प्रतिशत), डाटा एनालिस्ट और साइंटिस्ट्स (33 प्रतिशत) और डेटा एंट्री क्लर्क (32 प्रतिशत) की नौकरियां पैदा होने का अनुमान है.
इसके विपरीत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई में नौकरियों के बढ़ने से कुछ सेक्टर में नौकरियों कम होंगी. इनमें अकाउंटेंट एंड ऑडिटर (5 प्रतिशत), ऑपरेशन मैनेजर (14 प्रतिशत) और फैक्टरी वर्कर (18 प्रतिशत) में सबसे ज्यादा नौकरियों के नुकसान होने की आशंका है.