भारत और पाकिस्तान ने आपसी कारोबार को सामान्य स्थिति में लाने के लिए अगले महीने के आखिर तक कुछ और कदम उठाने का निर्णय लिया। इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के यहां बैंकों की शाखाएं स्थापित करेंगे।
दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों की यहां हुई बैठक में इस निर्णय पर सहमति बनी तथा सड़क मार्ग द्वारा कारोबार को बढ़ाने के लिए अटारी-वाघा सीमा को पूरे वर्ष चौबीसों घंटे खोलने पर भी सहमति बनी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों ने दोनों देशों की सरकारों द्वारा संदर्भित बैंकों को अपने-अपने देशों में बैंकिंग लाइसेंस दिए जाने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है।'
इससे पहले आई खबरों में कहा गया था कि दोनों पड़ोसी देश आपसी कारोबारी संबंधों को सुधारने के लिए तीन बैंकों की शाखाएं खोलने की दिशा में काम कर रहे हैं।
दोनों देशों के बीच 16 महीनों के अंतराल के बाद किसी तरह की वार्ता हुई, हालांकि बैठक के नतीजतन पाकिस्तान को औपचारिक तौर पर भारत के पसंददीदा देश के दर्जे के अनुरूप स्थान नहीं मिल सका।