देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2013 में तीन प्रतिशत घटकर 22.03 अरब डॉलर रह गया। आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के अनुसार 2012 में देश में 22.78 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया था। वर्ष 2013 में सेवा, फार्मा, वाहन, निर्माण गतिविधियां, दूरसंचार, कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर, रसायन तथा बिजली जैसे क्षेत्र ऐसे रहे जिनमें एफडीआई आया।
इस दौरान जिन देशों ने भारत में निवेश किया उनमें मारीशस, सिंगापुर, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी, फ्रांस तथा संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। भारत ने साल के दौरान कई और क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोला। इसके चलते ब्रिटेन की सबसे बड़ी रिटेलर टेस्को, सिंगापुर एयरलाइंस और एतिहाद भारत में निवेश के लिए तैयार दिखीं।
सरकार ने करीब दर्जन भर क्षेत्रों मसलन दूरसंचार, रक्षा, पीएसयू तेल रिफाइरियों, जिंस एक्सचेंजों, बिजली एक्सचेंजों व शेयर बाजारों में एफडीआई नियम उदार किए हैं।
साल के अंत में ब्रिटेन की टेस्को ने टाटा समूह की ट्रेंट के साथ सुपरमार्केट शृंखला में शुरुआत में 11 करोड़ डॉलर का निवेश करने के लिए आवेदन किया।