विनिर्माण, शहरीकरण से हासिल की जा सकती है आठ-नौ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि : अमिताभ कांत

अमिताभ कांत ने कहा कि उभरता हुआ मध्यम वर्ग देश में आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास को आगे बढ़ाने की काफी ताकत रखता है.

विनिर्माण, शहरीकरण से हासिल की जा सकती है आठ-नौ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि : अमिताभ कांत

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि विनिर्माण और शहरीकरण पर ध्यान देकर आठ से नौ प्रतिशत की ऊंची वृद्धि दर हासिल की जा सकती है. उन्होंने ‘भारत के मध्यम वर्ग का उदय' शीर्षक से रिपोर्ट जारी करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जनगणना मानदंडों के हिसाब से करीब 5,500 छोटे शहरों के नियोजन की जरूरत है और इसका समाधान पर्यावरणानुकूल शहरीकरण है. इसमें देश में वृद्धि को गति देने के काफी अवसर हैं.

उन्होंने कहा कि उभरता हुआ मध्यम वर्ग देश में आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास को आगे बढ़ाने की काफी ताकत रखता है.

कांत ने कहा कि जैसे-जैसे मध्यम वर्ग की संख्या बढ़ेगी, इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा, आवास, उपभोक्ता वस्तुओं और कई अन्य चीजों की मांग बढ़ेगी. ऐसे में सरकार को तेजी से शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान देना होगा.

उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत के पूर्ण विकसित देश बनने का सपना वास्तव में यह दर्शाता है कि मध्यम वर्ग को भारत की विकास गाथा का मुख्य चालक बनने की जरूरत है.

नीति आयोग के पूर्व कार्यपालक अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय मध्यम वर्ग का उदय उस आर्थिक बदलाव का भी संकेत है जो देश में दशकों से आया है. 1991 के सुधारों के बाद से, लाखों लोग मध्यम वर्ग में शामिल हुए हैं. तकनीकी प्रगति और निरंतर विकास ने भी मध्यम वर्ग के विकास और विस्तार को जन्म दिया है.''

उन्होंने चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का दक्षिणी भाग तेजी से आगे बढ़ रहा है और शहरीकरण हो रहा है जबकि पूर्वी भाग को इसके लिये बहुत कुछ करने की जरूरत है क्योंकि यह देश का सबसे अधिक आबादी वाला हिस्सा है.

कांत ने कहा कि इसीलिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि विकास में क्षेत्रीय संतुलन बना रहे. उन्होंने कहा, अगर भारत को दीर्घकाल में निरंतर वृद्धि हासिल करनी है, तो हर मोर्चे पर आगे बढ़ना होगा.

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कांत ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं हो सकता कि आप केवल सेवा क्षेत्र पर निर्भर रहें जैसा कि कुछ अर्थशास्त्री कह रहे हैं. यदि आपको नौकरियां बढ़ानी हैं तो सभी क्षेत्रों में काम करना होगा. आपको सेवाओं में वृद्धि करने की आवश्यकता है, आपको विनिर्माण में और भी अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है, आपको अपनी कृषि उत्पादकता बढ़ाने के साथ शहरीकरण को भी गति देने की जरूरत है.''