हाल में देश में साइबर अपराध और डिज़िटल धोख़ाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं. साइबर अपराधी नये और कम जानकार इंटरनेट यूजर्स को फ़िशिंग, रैंसमवेयर हमलों से लेकर पहचान चोरी कर ठगी कर रहे हैं. इसलिए डिज़िटल भुगतान प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करते समय लोगों को ज्यादा जागरूक रहना चाहिए. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने हाल ही में अपने ग्राहकों को बढ़ते साइबर अपराधों की जांच के लिए अपने खातों में किसी भी अनधिकृत लेनदेन की तुरंत रिपोर्ट करने का सुझाव दिया है.
देश के सबसे बड़े ऋणदाता ने इस बात पर जोर दिया कि ग्राहकों को तुरंत अनधिकृत लेनदेन की सूचना टोल फ्री नंबर 18001-2-3-4 पर देनी चाहिए. इससे सही समय पर उचित कार्रवाई की जा सकेगी. एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा ने जोर देकर कहा कि ग्राहकों को इस बात की सूचना देनी चाहिए कि उन्हें तुरंत बैंक को अनधिकृत लेनदेन की रिपोर्ट करनी है.
अध्यक्ष ने एसबीआई ग्राहकों को साइबर धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह दी और कहा कि ग्राहक सेवा को ऐसे मुद्दों को निपटाने में प्राथमिकता देनी चाहिए. ग्राहक बैंक की वेबसाइट पर जाकर मोबाइल बैंकिंग, एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग और भीम एसबीआई पे सेवा के जरिए किसी भी तरह अनधिकृत लेनदेन की शिकायत कर सकते हैं.
बैंक ने कहा कि एसबीआई खाते से जुड़े किसी भी वित्तीय धोख़ाधड़ी के मामले में, ग्राहक को जल्द से जल्द बैंक को सूचित करना चाहिए. बैंक को सूचित करने में जितना अधिक समय लगेगा, ग्राहक को वित्तीय नुकसान का ज़ोख़िम उतना ही अधिक होगा. एक बार जब बैंक को अनधिकृत लेनदेन की शिकायत प्राप्त हो जाती है, तो वह ऐसे धोखाधड़ी लेनदेन को रोकने के लिए तत्काल और पर्याप्त कदम उठाएगा.
बैंक यह भी सुनिश्चित करता है कि शिकायत प्राप्त होने के बाद विशेष चैनल अवरुद्ध हो जाए, जिसके माध्यम से लेनदेन हुआ है. एसबीआई ईमेल और एसएमएस के माध्यम से ग्राहक को उसकी शिकायत की पंजीकृत संख्या और अन्य विवरण भी भेजता है. एक ग्राहक से प्राप्त शिकायत का 90 दिनों के भीतर समाधान किया जाता है.
यह भी पढ़ें-
Video : ब्रिटेन के अगले PM होंगे ऋषि सुनक, कहा- मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य | पढ़ें