केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि जिन कंपनियों को वर्ष 2006 और 2009 के बीच कोयला ब्लॉकों का आवंटन किया गया उनमें से कुछ ने गलत तथ्य प्रस्तुत किए और अपने आवेदनों को ‘मजबूती’ प्रदान करने के लिए ‘कपटी’ दावे किए ताकि उन्हें आवंटन प्राप्त हो जाएं।
सीबीआई ने इसके साथ ही कोयला मंत्रालय के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि वे षड्यंत्र में शामिल हुए और उन्होंने ‘जानबूझकर’ दस्तावेजों की जांच नहीं की ताकि कंपनियों को ‘अनुचित लाभ’ के तौर पर कोयला ब्लॉक मिल जाए।
सीबीआई ने एक अदालत में दायर अपनी चार प्राथमिकियों में निजी कपंनियों मेसर्स जैस इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड (जेआईसीपीएल), मेसर्स एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड और मेसर्स नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है।
गत 3 सितम्बर को दर्ज इस प्राथमिकी में इन चार कंपनियों के अलावा उनके निदेशकों तथा कोयला मंत्रालय और झारखंड के कुछ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के भी नाम हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की ओर से राय दिए जाने के बाद सीबीआई ने प्राथमिक जांच शुरू की।
सीबीआई ने अदालत को बताया कि नागपुर की एएमआर आयरल एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशकों अरविंद कुमार जायसवाल, मनोज जायसवाल, रमेश जायसवाल, विजय दर्डा के पुत्र देवेंद्र दर्डा के साथ ही कोयला और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) को 420 के साथ पढ़ा जाए, तथा 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया जिसे वर्ष 1988 की भ्रष्टाचार निरोधक कानून की 13 (1) (डी) के साथ पढ़ा जाए।
सीबीआई ने जेआईसीपीएल, विनी आयरन एंड स्टील लिमिटेड और नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ अपनी प्राथमिकी में कहा है कि इन कंपनियों ने ‘कोयला ब्लाकों के लिए अपने दावे को मजबूती’ प्रदान करने के लिए ‘झूठे’ दावे किए कि उनके पास ये कोयला खानें प्राप्त करने के लिए जरूरी निवल सम्पत्ति है।
सीबीआई ने कहा, ‘‘जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत, जानबूझकर और खास उद्देश्य से उन उल्लिखित दस्तावेजों की जांच नहीं की जिनमें नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से गलत तथ्य पेश किए गए थे। ऐसा करके अधिकारियों ने कंपनी को रंपिया और रंपिया के डिप साइड कोयला ब्लॉकों के आवंटन में मदद की।’’
सीबीआई ने एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में कहा कि कंपनी ने कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए पेश आवेदन पत्र में ‘धोखाधड़ी’ से यह तथ्य छिपा लिया कि उसके समूह की कंपनियों को पूर्व में पांच कोयला ब्लॉकों का आवंटन किया गया है।