रतन टाटा ने टाटा समूह के कर्मचारियों कंपनी चिट्ठी लिखकर सूचित किया है कि, विश्वास की बहाली और कंपनी के स्थायित्व के हित में वह चेयरमैन के रूप में वापसी कर रहे हैं. (पूरी चिट्ठी नीचे पढ़ें)
टाटा संस ने एक आश्चर्यजनक घटना क्रम के तहत साइरस मिस्त्री को सोमवार को कंपनी के चेयरमैन पद से हटा दिया. मिस्त्री को नमक से लेकर ट्रक बनाने वाले 100 अरब डॉलर के इस विशाल कंपनी समूह का नेतृत्व चार साल पहले सौंपा गया था. मिस्त्री ने 29 दिसंबर 2012 को रतन टाटा की जगह टाटा समूह की इस होल्डिंग कंपनी के चेयरैमन का पद संभाला था. समूह ने रतन टाटा को चार महीने के लिये अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है. इस दौरान पांच सदस्यीय एक खोज समिति नये चेयरमैन की नियुक्ति करेगी.
कंपनी के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘टाटा संस ने बताया कि उसके निदेशक मंडल ने कंपनी के चेयरमैन साइरस पी. मिस्त्री को हटा दिया है. यह निर्णय निदेशक मंडल की सोमवार को मुंबई में हुई बैठक में लिया गया.’ निदेशक मंडल ने रतन टाटा को कंपनी का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया है.
बयान में कहा गया है कि निदेशक मंडल ने एक चयन समिति का गठन किया है जो चार महीने में कंपनी के कायदे-कानून के अनुसार नए चेयरमैन के चयन का काम संपन्न करेगी.
टाटा संस ने मिस्त्री को हटाने का कारण नहीं बताया है. उन्होंने बहुत धूमधड़ाके के साथ कंपनी की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी पर माना जा रहा है कि घाटे में चल रही कंपनियों को छांटने और केवल लाभ देने वाले उपक्रमों पर ही ध्यान देने के उनके दृष्टिकोण से कंपनी में अप्रसन्नता थी. इनमें यूरोप में घाटे में चल रहे इस्पात करोबार की बिक्री का मामला भी शामिल है.
इसके अलावा कंपनी के दूरंसचार क्षेत्र के संयुक्त उद्यम टाटा डोकोमो में जापानी कंपनी से अलग होने के मामले में भी डोकोमो के साथ कंपनी का एक कानूनी विवाद चल रहा है.
टाटा संस के चेयरमैन साइबर मिस्त्री को बदलने को लेकर कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कंपनी के 'दीर्घकालिक हितों' को ध्यान में रखते हुए किया गया है. कंपनी प्रवक्ता ने बताया, 'कंपनी के बोर्ड और प्रमुख शेयरधारकों ने मिलकर यह फैसला किया है, जोकि टाटा संस और टाटा समूह के दीर्घकालिक हितों को देखते हुए किया गया है.' प्रवक्ता ने आगे कहा, 'संचालन स्तर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.'